इस दौरान जांच शुरु किए जाने से पहले मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि पहले दिन के सर्वे को शून्य घोषित करने के लिए ASI को मेल किया है। कई आपत्तियां समाज की ओर से ASI को मेल की है और मौखिक तौर पर भी बताई हैं। मैं डायरी पेन लेकर आया था। आपत्तियां लिखित में देना चाहता था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसलिए उन्होंने आपत्तियों को मेल के माध्यम से भेजा गया है।
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आपत्ती ये है कि 2003 के बाद जो भी चीजें अंदर गई हैं उन्हें तो कम से कम सर्वे में शामिल न किया जाए। जो चीज दिख रही हैं उनको दर्ज करें ना कि यहां कुछ और देखें। उन्होंने कहा कि, हम सर्वे के खिलाफ नहीं, बल्कि हम नए सर्वे के खिलाफ हैं। जो नई चीज दाखिल की गई और उसी को सर्वे में दर्ज किया जा रहा है हमारी उस पर आपत्ति है। उन्होंने तीन टीम बनाई है और तीन अलग-अलग स्थान पर काम कर रहे हैं। हमारी उसमें भी आपत्ति है। क्योंकि मैं अकेला व्यक्ति अंदर हूं। ASI एक टीम बनाकर एक जगह काम करें। मैं एक वक्त में 3 जगहों पर कैसे रह पाऊंगा। पहले दिन के सर्वे को शून्य करने के लिए मेल के जरिए आपत्ति दर्ज की है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो हमें फिर हाईकोर्ट जाना होगा।
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शनिवार को सर्वे के दूसरे दिन भोजशाला परिसर के अंदर और बाहर कार्बन डेटिंग से जांच हुई। वहीं बाहर की ओर खुदाई भी हुई। साथ ही कार्बन डेटिंग के जरिए भोजशाला के पिलर और नीव भी जांचे गए। फिलहाल, टीम भोजशाला के पत्थरों की उम्र जांचने का काम कर रही है।