उल्लेखनीय है कि जिले में करीब 35 हजार ड्राइविंग लाइसेंसधारी हैं। पहले इन्हें कागज में लाइसेंस बनाकर दिया गया था। दो साल पहले केन्द्रीय परिवहन विभाग के आदेश पर इसे चिप में कन्वर्ट कर दिया गया। इसके लिए वाहन चालकों को जिला परिवहन विभाग में परेशानियों को सामना भी करना पड़ था। अब एक बार फिर ड्राइविंग लाइसेंस में बदलाव किया जा रहा है। क्यूआर कोड और चिपयुक्त प्लासिटक के लाइसेंस बनाए जाएंगे। इसके संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। जुलाई 2019 से नया लाइसेंस बनना शुरू हो जाएगा। वाहन चालकों को पुराने स्मार्ट चिप वाले लाइसेंस को जिला परिवहन कार्यालय में जमा करना पड़ेगा। इसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी।