उल्लेखनीय है कि बर्मा के म्यामांर में मुस्लिमों पर वहां के सैनिकों और नागरिकों द्वारा जुल्मो सितम ढाया जा रहा है। इसे लेकर मुस्लिम समाज में काफी रोष व्याप्त है। शुक्रवार को शहर के मुस्लिम समाज के लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। यह रैली गांधी चौक पहुंची और एसडीएम दफ्तर में प्रदर्शन किया। यहां राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर केंंद सरकार से मांग की गई है कि बर्मा से आने वाले रोहिंग्या मुस्लिम को भारत में मानवता के दृष्टिकोण से शरण दी जाए।
इसके अलावा बर्मा सरकार के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन करने पर विरोध प्रस्ताव पारित करें। जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद अनवर रजा ने बर्मा सरकार की इस कार्यवाही को अमानवीय बताते हुए स्पष्ट कहा कि मुसलमान कभी अपने ईमान से सौदा नहीं करेंगे। सदरे अंजुमन सैय्यद अशफाक हाशमी ने कहा कि बेकसूर मुसलमानों का खून बहाकर बर्मा सरकार ने इंसानियत को शर्मसार किया है।
प्रदर्शनकारियों में मोहम्मद मुन्नाफ विरानी, हाजी मैनुद्दीन, सलीम खान, गुलाम रसूल, सलीम खिलची, मोहम्मद मुन्नाफ, अवैश हाशमी, मोहम्मद रजा, मुस्तुफा रजा, याकूब कुछावा, गुलाम रसूल, हाजी हसरत, डा. रहीम, साहेब हाशमी, अब्दुल रहमान, अब्दुल हकीम, तनवीर कुरैशी, इसहाक, रेहान विरानी, जुनैद रिजवी, अफजल, इमरान, नियाज खान,रूस्तम खान, लक्की रजा, अहमद रजा निर्वाण, सादिक हुसैन, हाजी एजाज समेत बड़ी संख्या में समाजन उपस्थित थे।
कार्रवाई की मांग
समाज प्रमुख अशरफ रोकडिय़ा, मुन्नाफ भाई, अब्दुल रज्जाक रिजवी, दिलावर भाई, वसीम कुरैशी, तनवीर उस्मान ने कहा कि अमेरिका के इशारे पर बर्मा में मुसलमानों को आतंकवादी करार कर उनका कत्लेआम किया जा रहा है। विश्व मुस्लिम बिरादरी से उन्होंने बर्मा सरकार के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई भी देश अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार न कर सके।