scriptअपराधी बन रहा ‘बचपना’, नाबालिगों पर पांच साल में 685 अपराध | 'Childhood' is becoming criminal, 685 crimes against minors 5 years | Patrika News
धमतरी

अपराधी बन रहा ‘बचपना’, नाबालिगों पर पांच साल में 685 अपराध

Minors in Crime: नाबालिगों के बीच मारपीट की घटना तो आम हो गई है। ऐसे झगड़े अब वार्डोें के अलावा स्कूलों तक पहुंच गया है। स्थिति इतनी खराब है कि बच्चे स्कूल में भी चाकू लेकर पहुंच रहे और चाकूबाजी की घटना को अंजाम दे रहे।

धमतरीFeb 26, 2024 / 07:22 pm

Shrishti Singh

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Dhamtari News: नाबालिगों के बीच मारपीट की घटना तो आम हो गई है। ऐसे झगड़े अब वार्डोें के अलावा स्कूलों तक पहुंच गया है। स्थिति इतनी खराब है कि बच्चे स्कूल में भी चाकू लेकर पहुंच रहे और चाकूबाजी की घटना को अंजाम दे रहे। धमतरी जिले में बाल अपराध को रोकने के लिए जिला और थाना स्तर पर बाल संरक्षण अधिकारी नियुक्त है। जिला स्तर पर इसके नोडल अधिकारी भी नियुक्त हैं। लगातार बाल अपराध घटित होने पर इसकी जांच कर फौरी कार्रवाई की जाती है। समाज में बाल अपराध की दर दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। धमतरी जिले में हाल के दिनों में हुई चाकूबाजी की घटनाओं में नाबालिगों की संलिप्ता ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है।
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कम उम्र में नशे की लत बड़ा कारण

जिले में बाल अपराध रोकने विशेष जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। गांवों में चलित थाना लगा रहे। बालक-पालक सम्मेलन के जरिए नशा से दूर रहने अपील की जा रही है। बाल अपराधों की जांच के लिए हर थाने में बाल संरक्षण यूनिट बनी है। मधुलिका सिंह, एएसपी धमतरी
पीजी कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ सीएस चौबे, म्यूनिसिपल स्कूल के पूर्व प्राचार्य अशोक पवार ने कहा कि बाल अपराध बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण नशा है। आज 13-14 साल के उम्र से ही बच्चे शराब, बीड़ी सहित अन्य नशा कर रहे हैं। गुटखा पाउच से इसकी शुरूआत होती है। स्कूल स्तर पर बच्चों के जेब रोजाना चेक होने चाहिए। जिनके जेब से गुटखा या अन्य नशीले पदार्थ मिले तो उसकी अलग काउंसिलिंग कर मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास होना चाहिए। साथ ही ऐसे छात्रों के पालकों को भी नशे से दूर रखने का प्रयास करना चाहिए।
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वकील पार्वती वाधवानी ने कहा कि बाल अपराध समाज के लिए बेहद गंभीर विषय बन गया है। नशापान के चलते 70 फीसदी अपराधों में नाबालिग संलिप्त रहते हैं। बाल अपराध रोकने मां-बाप को सबसे पहले अपने घर से ही पहल करनी चाहिए। उसके दोस्त कौन हैं, कैसा हैं, नशा तो नहीं कर रहे आदि की पड़ताल करनी चाहिए। पुलिस को नशे का सामान बेचने वालों पर कड़ाई से कार्रवाई करनी चाहिए।

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