उल्लेखनीय है कि खरीफ की फसल के बाद किसान प्याज रोपने के लिए खेत खाली छोड़ देते हैं। खाली खेत में दिसंबर माह में प्याज रोपाई का काम शुरू किया जाता है। कई किसान आलू फसल को खोद कर प्याज रोपते हैं। लेकिन इस बार बागली एवं हाटपीपल्या क्षेत्र में बहुत अधिक मात्रा में प्याज का रोपा खराब हुआ है। इस कारण कई किसानों के खेत खाली रह गए। कई किसानों के पास रोपा ही नहीं बचा। ऐसे में किसानों ने उन किसानों से रोपा खरीदा जिन्होंने 1 किलो रोप का बीज अपने खेत में फेंका था। उन किसानों ने 10 हजार रुपए प्रति किलो के हिसाब से दूसरों को रोपा बेचा। उधर, कई किसान रोपा नहीं होने के कारण चने की बुवाई कर रहे हैं।
मजदूरी हो गई महंगी
किसान संतोष पाटीदार, सुरेश पाटीदार, श्रवण पाटीदार, कमल पाटीदार ने बताया कि इस बार मजदूरी काफी महंगी हो गई है। 25 आरा के बीघे में किसानों को लगभग 8000 रुपए खर्च आ रहा है। वहीं 2000 रुपए रोपा निकालने के अलग से लग रहे हैं। इस बार मावठे के बाद धुंध गिरने से प्याज का रोपा बहुत अधिक खराब हो गया। कई किसानों का खेत इससे खाली रह गए जो चने की फसल लगा रहे हैं।
निर्यात पर से रोक हटाएं
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष हुकम पटेल ने बताया कि प्याज निर्यात पर रोक लगाने के कारण बारिश वाले प्याज का किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। इससे किसानों में केंद्र सरकार प्रति रोष है। केंद्र सरकार को जल्द ही निर्यात पर से रोक हटाना चाहिए जिससे किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सके।
ये भी पढ़ें : OMG: ‘कुलदेवता’ मान सदियों से पूरा गांव कर रहा था जिसकी पूजा, वह निकला डायनासोर का अंडा