ये भी पढें – टीचर ने छात्र को फुटबाल की तरह लात और जूतों से मारा, पैर की उधड़ गई चमड़ी मध्य प्रदेश के देवास जिले के हाटपीपल्या निवासी डॉ. कल्याणमल पांडे (अब दिवंगत) ने हर शब्द में राम को बसाया। उनके पौत्र लव पांडे बताते हैं कि कल्याणमल ने 17 अगस्त, 1961 को पहली बार साधारण कॉपी में राम-राम लिखना शुरू किया था। फिर ए-4 साइज के पेज पर लिखना शुरू किया। राम शब्द से रामायण पूरी लिखने के बाद उनका 1982 में निधन हो गया। उनके पुत्र कुंदन पांडे ने बाकी दो कांड पूर्ण किए। कुंदन के 1997 में निधन के बाद रामायण को उनकी पत्नी मंजुला और पौत्र लव पांडेय ने सहेज रखा है।
13 हजार पृष्ठ के ग्रंथ का वजन 90 किलो
डॉ. कल्याणमल पांडे को रामायण(Ramayana) लिखने में 22 साल लगे। उन्होंने गणेश, शिव, राम, दुर्गा, हनुमान की मनमोहक तस्वीरें भी बनाईं। 13 हजार पृष्ठ के ग्रंथ का वजन करीब 90 किलो है। इस रामायण की खास बात यह है कि राम शब्द के अलावा किसी अन्य शब्द का प्रयोग नहीं किया गया। उनके परिजन चाहते हैं कि रामायण को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में शामिल किया जाए।
इंदौर में 13 को भेंट की जाएगी
डॉ. पांडे के पौत्र लव पांडे ने बताया, श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को 13 जनवरी को इंदौर में रामायण की पोथी भेंट की जाएगी। हम रामायण को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रखवाना चाहते हैं। चंपत राय के निर्देशन में रामायण(Ramayana) को अयोध्या ले जाकर श्रीराम मंदिर में स्थापित किया जाएगा।