देवास. दिसंबर 2007 में देवास के चूना खदान बालगढ़ क्षेत्र में हुए संघ के पूर्व प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड की आरोपित साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की गुरुवार को पेशी हुई। तृतीय अपर जिला एवं सत्र जज सुरभि मिश्रा ने शाम को बंद कमरे में करीब आधा घंटे तक सुनवाई की। इस दौरान न्यायालय के अंदर से सभी पुरुषों को बाहर कर दिया गया। मामले में अगली पेशी 15 सितंबर निर्धारित की गई है।
हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित कुल 8 आरोपित हैं, जिनमें से 4 को पूर्व में जमानत मिल चुकी है। साध्वी को गुरुवार दोपहर कड़ी सुरक्षा में भोपाल से देवास लाया गया। जहां सबसे पहले ताराणी कॉलोनी स्थित एक निजी अस्पताल में उनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। इसके बाद शाम को 5.17 बजे साध्वी को कोर्ट पहुंचाया गया। कार से उतरकर व्हीलचेयर की मदद से उनको तृतीय अपर जिला एवं सत्र जज सुरभि मिश्रा की कोर्ट में ले जाया गया। साथ में 25 से अधिक वकील व अन्य लोग भी अंदर घुस गए। यहां साध्वी ने जज से महिला सदस्यों की उपस्थिति में बयान देने की प्रार्थना की। इसके बाद सभी पुरुषों को बाहर कर दिया गया। हालांकि बाद में मामले से जुड़े कुछ पुरुष वकील अंदर गए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर व परिसर में भारी गहमागहमी रही। इस दौरान 100 से अधिक लोग मौजूद रहे। भाजपा व हिंदू संगठनों के कई नेता भी पहुंचे। सुनवाई के बाद शाम करीब 6 बजे साध्वी को लेकर पुलिस कोर्ट से रवाना हुई।
साध्वी की ओर से वकील रघुवीर यार्दी ने बताया कि साध्वी ने न्यायालय से प्रार्थना करते हुए कहा कि वो कई गंभीर बीमारियों से पीडि़त हैं, एक ही दिन में भोपाल से आकर वापस लौट नहीं सकतीं। न्यायालय ने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उनको लेकर आने वाले पुलिस बल को वरिष्ठों से चर्चा कर उचित निर्णय लेने के आदेश दिए। देवास में यह मामला पहले द्वितीय अपर सत्र जज आरके वर्मा की कोर्ट में विचाराधीन था। चार महीने पहले जज वर्मा का ट्रांसफर होने के बाद मामले को जज मिश्रा की कोर्ट में स्थानांतरित किया गया। इस बीच चार मई को जज सुरभि मिश्रा ने भोपाल पुलिस को उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ में स्नान कराने के आदेश दिए थे, इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो साध्वी भूख हड़ताल पर बैठ गईं थीं। इस पर फिर से 17 मई को न्यायाधीश राजीव आपटे ने केंद्रीय जेल भोपाल के अधीक्षक को सिंहस्थ में साध्वी को स्नान कराने के आदेश जारी किए थे।
सन्यासी कभी हत्या नहीं कर सकता
कोर्ट में बयान देने के बाद शाम करीब 5.51 बजे साध्वी बाहर निकलीं और कोर्ट के मुख्य द्वार पर मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सत्य है, तो मनुष्य है। इसी तरह से यह भी सत्य है कि मैं राष्ट्रवादी हूं और एक राष्ट्रवादी दूसरे राष्ट्रवादी की हत्या नहीं कर सकता है। यह भी सत्य है कि मैं सन्यासी हूं और सच्चा सन्यासी कभी अपराध नहीं कर सकता है। यह भी सत्य है कि मेरा इस मामले से कोई लेना देना नहीं है।
करीब 5 साल बाद दोबारा आईं साध्वी
मामले की सुनवाई के दौरान 2011 में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार देवास कोर्ट आई थीं। इसके बाद प्रकरण भोपाल एनआईए कोर्ट में स्थानांतरित हुआ था, वहां से बाद में फिर से सुनवाई देवास में शुरू हुई थी। देवास में सुनवाई दोबारा शुरू होने के बाद स्वास्थ्य कारणों के चलते साध्वी की पेशी नहीं हो पा रही थी। गुरुवार को उनको दोपहर करीब 3 बजे आना था, किंतु वो करीब सवा दो घंटे की देरी पहुंच सकीं।
सीएसपी, 6 टीआई, 50 से ज्यादा जवान
साध्वी की कोर्ट में पेशी के लिए देवास पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए थे। उनके आने के कई घंटे पहले ही वज्र वाहन कोर्ट परिसर पहुंच गया था। बाद में सीएसपी टीएस बघेल, सिविल लाइन टीआई एलएन मालवीय, नाहर दरवाजा थाना प्रभारी आरआर गौतम, औद्योगिक थाना टीआई शैलेंद्र मुकाती सहित अन्य टीआई भी पहुंचे। इस दौरान 50 से अधिक जवानों ने सुरक्षा व्यवस्था संभाल रखी थी। वहीं साध्वी के साथ भोपाल से आया बल भी था।
यह है पूरा मामला
29 दिसंबर 2007 की रात में सुनील जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। औद्योगिक थाना पुलिस सहित बाद में इसकी जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने भी शुरू की थी। मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित वासुदेव परमार, रामचरण पटेल, आनंदराज कटारिया, लोकेश शर्मा, हर्षद सोलंकी, राजेंद्र चौधरी, जितेंद्र शर्मा को आरोपित बनाया गया था। इनमें से रामचरण, आनंद, जितेंद्र, वासुदेव जमानत पर हैं, जबकि लोकेश व राजेंद्र पंचकुला (हरियाणा) व हर्षद (जयपुर) अन्य मामलों में जेल में बंद हैं। जमानत वाले चारों आरोपित गुरुवार सुबह पेशी पर आए थे।
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