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सड़क पर निकली प्याज – लहसुन की शवयात्रा, किसान बोले- कौड़ियों के दाम खरीद रहे व्यापारी

देवास में किसानों ने अनूठे ढंग से विरोध प्रदर्शन किया। यहां किसानों ने प्याज-लहसुन की शवयात्रा निकाली।

देवासAug 18, 2022 / 07:05 pm

Faiz

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सड़क पर निकली प्याज – लहसुन की शवयात्रा, किसान बोले- कौड़ियों के दाम खरीद रहे व्यापारी

देवास। मध्य प्रदेश में प्याज और लहसुन के दामों में आई भारी गिरावट के चलते किसानों का विरोध सामने आने लगा है। इसी के चलते सूबे के देवास में किसानों ने अनूठे ढंग से विरोध प्रदर्शन किया। यहां किसानों ने प्याज-लहसुन की शवयात्रा निकाली। उचित दाम न मिलने से नाराज किसान संगठन ने विरोध जताते हुए जमकर नारेबाजी की। इसी तरह रतलाम में किसानों ने लहसुन की बोरियां नदी में बहाकर विरोद प्रदर्शन किया।


आपको बता दें कि, देवास में किसानों में फसल की उपज का उचित दाम न मिलने से खासा नाराजगी सामने आने लगी है। अब प्याज और लहसून की फसल करने वाले किसानों ने युवा किसान संघ के नेतृत्व में स्थानीय भोपाल चौराहे से कलेक्टर कार्यालय के बीच लहसून और प्याज के कट्टे ठठरी पर रखकर उनकी शवयात्रा निकाली। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी भी दी। आपको बता दें कि, शव यात्रा में शामिल प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने गले में लहसुन और प्याज की माला भी पहन रखी थी। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर किसानों ने आवेदन भी सौंपा, जिसमें उचित मुख्य की मांग की।

 

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हम आत्महत्या करेंगे, शासन प्रशासन होगा जिम्मेदार- राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ

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राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिलाध्यक्ष गगन सिंह पटेल के अनुसार, भारत कृषि प्रधान देश है। ये वो देश है, जहां फसल को अपने बच्चे के समान प्यार किया जाता है।लेकिन दुर्भाग्य है कि, हमारी फसलों को हमारे ही कंधे पर उठाकर शवयात्रा के रुप में निकालना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि, हमने फसल में जो लागत लगाई है, वो तक नहीं निकल पा रही है। किसान आने वाले समय में फसलों का उचित दाम नहीं मिला तो आत्महत्या के लिए मजबूर होगा, जिसका जिम्मेदार शासन-प्रशासन होगा।


मांगे नहीं मानी तो देंगे ‘वोट की चोट’

किसानों की मांग है कि, सरकार लहसून और प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करे। साथ ही, अन्य सब्जियों का भी रेट फिक्स करे। किसानों ने चेतावनी दी कि, अगर उनकी मांगे न मानी गईं तो वो सरकार को ‘वोट की चोंट’ देंगे। सरकार को 2023 में मुंह दिखाने के लायक नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। अन्य किसानों का भी यही कहना है कि जनपद में किसानों की ओर ध्यान ना देना यह भी हार का कारण बताया है।

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