भाजपा विधायक ने वनस्थली विद्यापीठ और सीएम भजन लाल को किया ट्वीट
यूपी के देवरिया निवासी पल्लवी पांडेय के आरोपों को सुनकर भाजपा विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी ने वनस्थली विद्यापीठ और सीएम भजनलाल शर्मा को टैग करते हुए ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा “Dear @Banasthali_Vid, ये बिटिया बहुत मेधावी है,कोविड के चलते परिवारजनों को खो चुकी है,आपके संस्थान की प्रतिष्ठा सर्वविदित है, हम सभी इसका सम्मान करते हैं, परंतु फ़ीस बकाया होने के चलते इस बच्ची के डाक्यूमेंट नहीं दिए जा रहे हैं, इससे इसकी आगे की पढ़ाई रुकी हुई है, कृपया सहायता करें, माननीय मुख्यमंत्री @BhajanlalBjp जी, आपसे भी सहायता का अनुरोध है।” इसके साथ पल्लवी पांडेय का राजस्थान के राज्यपाल के नाम लिखा पत्र भी संलग्न किया है।
अब जानिए वनस्थली विद्यापीठ से जुड़ा पूरा मामला
देवरिया जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र की न्यू कॉलोनी निवासी पल्लवी पांडेय ने बताया “साल 2019 से साल 2023 तक वनस्थली विद्यापीठ में अध्ययन किया है। इस दौरान साल 2019 की फीस एक लाख 80 रुपये जमा की गई। इसके चलते वनस्थली विद्यापीठ की ओर से 9वीं कक्षा का डॉक्यूमेंट दिया गया है।” पल्लवी पांडेय ने आरोप लगाते हुए कहा “इसके बाद कोरोना काल के चलते हमारी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। इससे हम वनस्थली विद्यापीठ की फीस जमा नहीं कर पाए। इसपर वनस्थली विद्यापीठ की ओर से हमारे 10, 11 और 12वीं कक्षा के डॉक्यूमेंट रोक लिए गए हैं। इससे मेरी आगे की पढ़ाई बाधित हो रही है।” यह भी पढ़ेंः
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पल्लवी पांडेय आगे बताती हैं “मेरी मां निजी स्कूल में पढ़ाती हैं। पिता रमापति पांडेय शारीरिक रूप से कमजोर होने के चलते घर में ही रहते हैं। साल 2020 में कोरोना काल के दौरान मेरी मां सरिता पांडेय का वेतन रोक दिया गया। इसके चलते वनस्थली विद्यापीठ में मेरा पढ़ाई का खर्च करीब तीन लाख रुपये जमा नहीं किया जा सका। हमने कई बार वनस्थली प्रशासन से फीस कम करने का अनुरोध किया, लेकिन वे लोग नहीं माने। इसपर अब देवरिया से भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी से मदद मांगी है।”
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पल्लवी पांडेय का कहना है “हाल ही में मेरे मामा की मौत हो गई। इससे मेरी मां ने 12 दिन की स्कूल से छुट्टी ले ली। स्कूल ने इसके चलते उन्हें नौकरी से निकाल दिया। इस समय वह भी बेरोजगार हो गई हैं। ऐसे में वनस्थली विद्यापीठ की बकाया फीस देने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं। इसलिए हमने विधायक शलभमणि त्रिपाठी से मुलाकात कर इस मामले में मदद मांगी है। उन्होंने मदद का पूरा आश्वासन दिया है। लॉक डाउन में बच्ची देवरिया में थी। इसके बावजूद उन्होंने लॉक डाउन का पैसा भी फीस में जोड़ दिया है।”