फूड पॉइजनिंग के शिकार बच्चों में एक की मौत
शिवम पुत्र सदानंद यादव की स्थिति गंभीर होने पर मंगलवार की शाम उसे देवरिया मेडिकल कॉलेज से गोरखपुर रेफर कर दिया गया था। घटना में छात्र की मौत से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। देवरिया जिले के पं दीन दयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय मेहरौना में फूड प्वॉयजनिंग से 90 से अधिक छात्रों की तबीयत 5 अगस्त को खराब हो गई थी। इसमें 61 छात्रों का महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया में इलाज चल रहा है। मेडिकल कॉलेज में भर्ती कक्षा 8 के छात्र शिवम यादव (15) पुत्र सदानंद यादव निवासी भैंसहिया रामनगर थाना फरेंदा महाराजगंज की स्थिति मंगलवार की शाम खराब हो गई थी। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेंस के जरिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार वहां इलाज के दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई।
प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक कमले में हड़कंप मच गया। अधिकारी मेडिकल कॉलेज देवरिया में भर्ती अन्य बच्चों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। बुधवार की सुबह डीएम दिव्या मित्तल ने खुद मेडिकल कॉलेज पहुंचकर बच्चों के स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना और चिकित्सकों को बेहतर इलाज का निर्देश दिया।
डीएम के निर्देश पर मामले की जांच शुरू
फूड प्वाइजनिंग की घटना की मजिस्टिकल जांच हो रही है। डीएम ने अपर उपजिलाधिकारी सदर अवधेश कुमार निगम को इसकी जांच सौंपी है। उन्हें तीन दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देनी है। इससे पूर्व सोमवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने भी पहुंच कर खाद्य पदार्थो का सैम्पल लिया था। यही नहीं मंगलवार को इस मामले को सपा नेता व सलेमपुर के सांसद रमाशंकर राजभर ने संसद में भी उठाया था।
रविवार की सुबह नाश्ते के बाद बिगड़ गई थी दर्जनों बच्चों की तबियत
पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय मेहरौना में कुल 326 छात्र नामांकित हैं। यहां कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई होती है। रविवार की रात कुल 272 छात्रों ने भोजन किया था। सोमवार की सुबह ब्रेकफास्ट के बाद कई बच्चे उल्टी-दस्त करने लगे। कुछ ने बुखार, चक्कर आने और पेट दर्द की शिकायत की। एक साथ दर्जनों बच्चों की तबीयत खराब होने से स्कूल में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंच कर आनन-फानन में स्कूल को ही अस्थाई अस्पताल बनाकर बच्चों का इलाज शुरू किया लेकिन काफी अधिक छात्रों की तबीयत गंभीर होने लगी।
दर्जन भर एंबुलेंस से पहुंचाया गया था स्कूल
इसके बाद एक दर्जन एंबुलेंस लगाकर आनन-फानन में बच्चों को मेडिकल कॉलेज भेजा जाने लगा। यहां डेंगू वार्ड को अस्थाई चिल्ड्रेन वार्ड में बदल कर बच्चों को भर्ती किया गया। देर रात बीमार बच्चों की संख्या बढ़ने पर नेत्र रोग वार्ड में उन्हें भर्ती किया गया। डेंगू वार्ड में 38 और नेत्र अनुभाग में 18 बच्चों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा गंभीर रूप से बीमार पांच छात्र पीआईसीयू में भर्ती हैं।