वर्दी पहनने का शौक या कुछ और?
पूछताछ करने पर महिला ने बताया कि वह लखनऊ में रहती है और बच्चों को पढ़ाती है। उसे अपने गांव में वर्दी पहनकर जाने का शौक था इसलिए उसने यह वर्दी खरीदी और छठ पूजा के दिन अपने घर जाने के लिए ट्रेन से यात्रा शुरू कर दी। अब पुलिस ने महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जमानत मुचलके पर छोड़ दिया है। थानाध्यक्ष महेंद्र चतुर्वेदी को हुआ शक
जब फर्जी दारोगा भाटपाररानी में ट्रेन से उतरी, तो अपने पति को फोन कर बुलाया। इसके बाद वह बाइक पर सवार होकर अपने गांव की ओर बढ़ रही थी। इसी दौरान थानाध्यक्ष महेंद्र चतुर्वेदी की नजर महिला पर पड़ी जो दारोगा की वर्दी में थी और यह संदिग्ध लगी। पुलिस ने बाइक रोककर महिला और उसके पति से पूछताछ की तो महिला थोड़ी घबराई हुई दिखाई दी जिससे पुलिस को संदेह हुआ। महिला ने बताया कि उसने शौकिया तौर पर यह वर्दी पहनी थी और वह लखनऊ से इसे खरीद कर गांव आ रही थी।
पुलिस ने क्या कहा?
थानाध्यक्ष महेंद्र चतुर्वेदी के अनुसार, महिला ने सिर्फ शौक के तौर पर यह वर्दी पहनी थी। इसके बाद उसके खिलाफ बीएनएस धारा 205 के तहत मामला दर्ज किया गया और जमानत मुचलके पर उसे छोड़ दिया गया। महिला का मायका बिहार के सिवान जिले के लद्दी सरहरी गांव में है।