इस वजह से सैनिकों के लिए हानिकारक है वर्दी
जानकारी के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश रंगनाथन व न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। इस बारे में हरिद्वार निवासी राजेंद्र मोहन डबराल ने जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में आरोप है कि सियाचिन में तैनात भारतीय फौजियों को वर्ष 2010 से बनाई गई वर्दियां दी जा रही हैं। इसमें कई दिक्कतें हैं। इसके कारण वर्दी के अंदर भाप बनने से भारतीय जवानों के शरीर ठंडे हो जाते हैं।
मंत्रालय ने नहीं निभाया वादा
मंत्रालय ने वर्ष 2017 की तकनीक उपलब्ध करवाने का विश्वास दिलाया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया। याचिका के माध्यम से याची ने अमेरिका व नाटो की सेना के तर्ज पर भारतीय जवानों को स्नो सूट उपलब्ध करवाने की मांग की है। जिससे हमारे जवान भी सुरक्षित रह सकें।उल्लेखनीय है कि सियाचीन बार्डर पर –30 डिग्री पर भी भारतीय जवान देश की सुरक्षा के लिए चौकस रहते हैं।