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राजस्थान की बेटी पायल का कमाल, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा

Rajasthan Mountaineer Payal Gurjar: कड़ाके की ठंड, तूफानी हवा, भारी बारिश, बर्फबारी, कठिन चढ़ाई व फिसलन भरे रास्ते, ऑक्सीजन की कमी व शारीरिक थकान जैसे हालात के बाद भी राजस्थान की बेटी ने नया मुकाम हासिल कर लिया।

दौसाNov 28, 2024 / 07:43 pm

Anil Prajapat

Payal Gurjar-3
सिकंदरा। दौसा जिले की बहरावंडा तहसील के दिवाकर गांव में जन्मी पायल गुर्जर ने गुदड़ी के लाल… वाली कहावत को सही साबित कर दिखाया है। पायल गुर्जर पिछले सप्ताह साउथ अफ्रीका के तंजानिया में मांउट किलीमंजारों की 19 हजार 341 फीट ऊंची चोटी पर पहुंचकर प्रादेशिक सेना व भारत का तिरंगा लहराकर हजारों बालिकाओं के लिए हौसला और प्रेरणा कि मिशाल बन गई। पायल गुर्जर राजस्थान में गुर्जर समुदाय की पहली पर्वतारोही बन गई है।
पायल गुर्जर ने इससे पहले लगभग 17000 फीट ऊंची चोटी मचोई पीक, जोजिला, द्रास और लगभग 18000 फीट ऊंची चोटी कंचनजंघा बेस कैंप, लद्दाख, ग्लेशियर व कश्मीर ग्रेट लेक एक्सपीडिशन सहित कई चोटियों को फतह कर कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। कड़ाके की ठंड, तूफानी हवाओं, भारी बारिश, बर्फबारी, कठिन चढ़ाई व फिसलन भरे रास्ते, ऑक्सीजन की कमी व शारीरिक थकान जैसे हालातों जूझने के बाद उसने यह मुकाम हासिल किया। उनके पिता भारतीय प्रादेशिक सेवा में सूबेदार हैं।
Payal Gurjar
पायल का कहना है कि उन्हें अपने पिता से ही पर्वतों की ऊंची चोटी पर चढ़ने की हिम्मत और प्रेरणा मिली। पायल की प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई। कक्षा 4 से 9 तक की शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल जयपुर तथा 10-12 तक शिक्षा मदरलैंड पब्लिक स्कूल जयपुर में की है। पायल अभी डीसीएस कॉलेज जयपुर में बीए-बीएड पाठ्यक्रम में द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत है।पायल गुर्जर की बचपन से ही चुलबुल मिजाज,साहसिक व फिजिकल गतिविधियों मे हिस्सा लेने में रुचि रही है।
Payal Gurjar

सूबेदार पिता से हुई प्रभावित

पायल गुर्जर सबसे ज्यादा प्रभावित अपने पिता सूबेदार नेताराम गुर्जर हुई जो कि भारतीय प्रादेशिक सेना की 123 वीं बटालियन (ग्रनेडियर्स) मे कार्यरत हैं। उसके पिता सेना के अच्छे सिग्नलर्स, वैपन इंस्ट्रक्टर, लीडरशिप और युद्ध ज्ञाननीति में माहिर है। उन्हें 2012 मे भारतीय प्रादेशिक सेना में बेस्ट नॉन कमीशन ऑफिसर व सन 2016 में भारतीय प्रादेशिक सेना में बेस्ट जूनियर कमीशन ऑफिसर का खिताब मिला हैं।
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पायल अपने पिता की इन उपलब्धियों से काफी प्रभावित हुई और मन ठान लिया कि गांव, तहसील, जिला, राजस्थान व भारत का नाम विश्व मे ऊंचा करना है। उन्होंने बहुत समय पहले ही पर्वतारोही के रूप मे पर्वतारोहण का फील्ड चुनकर विश्व की 07 सबसे ऊंची चोटियों पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन करने की मन में ठान लिया था।

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