जानकारी के अनुसार केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने सर्वे रिपोर्ट, आमजन की आवश्यकता व जनप्रतिनिधियों की मांग को लेकर राजस्थान में लालसोट से कोथून एनएच 23, मनोहरपुर से दौसा एनएच 148 व सालासर-नागौर एनएच 58 की दो लेन से चार लेन की डीपीआर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया शुरू की है, जो दिसम्बर माह में पूरी हो जाएगी।
गौरतलब है कि लालसोट से कोथून एनएच 23 समेत इन नेशनल हाईवे पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है, जबकि ये तीनों राजमार्ग अभी दो लेन ही है, जिससे कई बार बड़े दर्दनाक हादसे भी हो रहे हैं।
इनको फोरलेन बनाने के बाद जहां वाहन चालकों को आवागमन में सुगमता मिलेगी, वहीं दुर्घटनाओं की आशंका भी कम होगी। वर्ष 2018 में शुरू हुए दौसा-लालसोट तो एनएचआई की ओर से पूर्व में ही फोरलेन बनाया था।
वहीं लालसोट से कोथून के बीच आबादी क्षेत्र वाले स्थानों पर भी मार्ग फोरलेन किया था, लेकिन शेष रोड टू लेन ही होने के चलते अब यातायात बढ़ने पर सड़क चौड़ी करने की जरूरत नजर भी आने लगी है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे शुरू होने के बाद बढ़ा भार
करीब डेढ वर्ष पूर्व दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर हरियाणा के सोहना से उपखण्ड के बड़ का पाड़ा तक यातायात शुरू होने के बाद लालसोट- कोथून हाईवे पर यातायात भार चार गुना तक बढ़ गया है। जयपुर-कोटा नेशनल हाईवे से दिल्ली की ओर जाने वाले सभी वाहन अब कोथून से इस हाईवे पर होते हुए बड़ का पाड़ा टोल तक पहुंच रहे हैं। इसी तरह दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर मनोहरपुर से दौसा आकर भांडारेज टोल प्लाजा के जरिए आगे जाने का वाहनों की संख्या भी बढ़ गई है। भविष्य में लालसोट-कोथून व दौसा- मनोहरपुर हाईवे पर और यातायात भार बढ़ने का अनुमान है।
शिवसिंहपुरा के पास हो चुका दर्दनाक हादसा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रसे वे और जयपुर- कोटा जैसे व्यस्त नेशनल हाईवे से जुड़ा करीब 36 किमी लम्बा लालसोट-कोथून राजमार्ग वर्तमान में दो लेन का है। इस हाईवे पर दिनों-दिन वाहनों का आवागमन बढ़ता जा रहा है। इससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। इस हाईवे पर गत वर्ष अगस्त माह में शिवसिंहपुरा गांव के पास हुए एक भीषण सड़क हादसे में राजस्व विभाग के कार्मिकों की मौत हो चुकी है।
राजस्व कर्मियों की कार को सामने से आ रहे डंपर से टक्कर मार दी थी। इसके अलावा भी यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं, जिनमें कई जनों की जान जा चुकी है।
डीपीआर की निविदा लगी है
मुख्यालय से लालसोट से कोथून एनएच 23 के फोरलेन की बिड लगी है। अभी डीपीआर कंसटेल्ट नियुक्त नहीं हुआ है। पहले बिड रसीव होगी, उसके बाद उसका वेल्यूवेशन होगा और फिर अवार्ड होगा। बाइपास का पार्ट फोरलेन में नहीं आएगा। सारा काम ट्रैफिक स्टडी के अनुसार होता है। ट्रैफिक बड़ का पाड़ा से ही जनरेट होता है।
-बलवीरसिंह यादव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई दौसा