जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि दौसा में मेडिकल कॉलेज के लिए मित्रपुरा में खसरा नम्बर 149 के 7.80 हैक्टेयर भूमि में से 5.25 हैक्टेयर, खसरा नम्बर 149/5 में रकबा 2 हैक्टेयर, खसरा नम्बर 121 में 4.20 हैक्टेयर में से 2.75 हैक्टेयर भूमि आवंटित कर दी है। यह भूमि आवंटित करने के लिए ग्राम पंचायत जौपाड़ा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव लेकर गत 18 अक्टूबर को अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी कर दिया था। आयुक्त नगर परिषद दौसा ने भी 5 नवम्बर को भूमि आवंटन के सम्बन्ध में अनापत्ति जारी कर दी थी। अब जिला कलक्टर ने आवंटन का आदेश जारी कर दिया है।
भूमि आवंटन की शर्तों के अनुसार यह भूमि 99 वर्ष के लिए आवंटित है और अवधि समाप्त होने के बाद फिर से पुनरावलोकन हो सकेगा। भूमि जिस काम के लिए आवंटित की गई है, उसी काम आएगी। भूमि आवंटन के बाद कब्जा लेने के 6 माह के दरम्यान निर्माण कार्य शुरू करना होगा। दो वर्ष में निर्माण कार्य पूरा करना होगा।
जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. सीएल मीना ने बताया कि अब भूमि आवंटित हो गई है तो शीघ्र ही बजट भी आवंटित हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद जिला अस्पताल की सुविधाओं में बढ़ोतरी हो जाएगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के लिए चरागाह भूमि आवंटित की है। उसके बदले सिवायचक भूमि के खसरा नम्बर 3 की 0.23 हैक्टेयर, 4 रकबा की 0.20 हैक्टेयर, 5 रकबे की 0.62 हैक्टेयर, 6 रकबे की 0.51 हैक्टेयर, 7 रकबा की 0.59 हैक्टेयर,8 रकबे की 0.54 हैक्टेयर,9 रकबे की 0.36 हैक्टेयर , 10 रकबे की 0.19, 12 की 0.24, 13 की 0.14, 14 की 0.22, 15 की 0.39, 16 रकी 0.94, 17 की 0.41, 18 की 0.22, 31 रकबे की 0.13, 32 की 0.35, 33 की 0.13, 37 की 0.17, 39 रकबे की 0.17, 40 की 0.40, 47 की 0.22, 50 की 1.01, 362/946 रकबे की 0.15, 406/924 की 0.30 व 408/925 रकबे की 0.10 हैक्टेयर यानि 30 रकबों की 10 हैक्टेयर सिवायचक से चरागाह में परिवर्तित किया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूरणमल, जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी तथा जिला अस्पताल के प्रबंधक राजकुमार शर्मा ने गुरुवार को ग्राम पंचायत पटवारी व भू-निरीक्षक के साथ मेडिकल कॉलेज के लिए आवंटित भूमि का राजस्वकर्मियों के साथ मौका देखा।
मेडिकल कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई कॉलेज में होगी। छात्र पै्रक्टिस के लिए जिला अस्पताल आएंगे। मेडिकल कॉलेज चालू होने के साथ ही जिला अस्पताल में सुविधाओं की बढ़ोतरी होगी। मरीजों को इलाज के लिए जयपुर नहीं जाना पड़ेगा।