परिवादी के अधिवक्ता विजय कुमार बैंदाड़ा ने बताया कि फरवरी 2012 में शादी के बाद 5-6 साल तक दोनों साथ रहे और दो पुत्र भी हुए। इसके बाद पति और उसके परिजन पीड़िता को दहेज के प्रताड़ित करने लगे। इससे परेशान होकर महिला पीहर चली गई। वहां छोटे बेटे का स्कूल में दाखिला कराने के लिए पति से आधार कार्ड मांगा। बांदीकुई निवासी आरोपी आधार कार्ड देने पीड़िता के घर गया और रात में पड़ोसी के मकान में बुलाकर नशे की हालत में बलात्कार की घटना को अंजाम दिया।
इस मामले में जनवरी 2023 में पीड़िता ने बांदीकुई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी ने पहले पीड़िता से धोखे से एकतरफा तलाक की डिक्री प्राप्त की, जबकि पीड़िता का कहना था कि वह कभी कोर्ट नहीं गई थी।
अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट में पेश दस्तावेज, एफएसएल रिपोर्ट व गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी को पीड़िता के साथ बलात्कार का दोषी करार देते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार ने 10 साल कठोर कारावास और 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।