सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तर पर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सांसद मुरारीलाल मीना को पत्नी को दौसा से चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया, लेकिन सांसद ने यह कहकर मना दिया कि उन्होंने बार-बार परिवार से चुनाव नहीं लड़ने की बात जनता से कही है। ऐसे में उनके परिवार से कोई चुनाव मैदान में नहीं उतरेगा। साथ ही सांसद ने अन्य दावेदारों के नामों को लेकर भी अपनी राय प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई मुलाकात में दी।
टिकट को लेकर जारी माथापच्ची में जातीय समीकरणों के आधार पर एससी वर्ग के दावेदार का नाम प्रमुख रूप से चर्चा में आया है। हालांकि सामान्य वर्ग के भी दो दावेदार रेस में बने हुए हैं। सचिन पायलट की भी राय आलाकमान ले रहा है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी उमाशंकर बनियाना ने बताया कि एक-दो दिन में प्रत्याशियों की सूची जारी हो जाएगी।
वहीं सोमवार को किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया। रिटर्निंग अधिकारी मूलचंद लूणिया ने बताया कि विधानसभा उप चुनाव-2024 के लिए सोमवार को किसी भी प्रत्याशी ने दौसा विधानसभा के लिए नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। 18 अक्टूबर से जारी नामांकन प्रक्रिया के तहत अब तक कुल एक फॉर्म आया है। 25 अक्टूबर नामांकन आखिरी तिथि है।
संवेदनशील मतदान केंद्रों पर मंथन
इधर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी सुमित्रा पारीक की अध्यक्षता में सोमवार को कलक्ट्रेट में विधानसभा उपचुनाव के दृष्टिगत क्रिटिकल मतदान केंद्रों की सूची फाइनल करने पर मंथन किया गया। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने पूर्व में तैयार क्रिटिकल मतदान केंद्रों की सूची को संवेदनशीलता के आधार पर वरीयता क्रम में निर्धारित करने को कहा। उन्होंने कहा कि क्रिटिकल मतदान केंद्रों पर लाइव वेब कास्टिंग एवं कानून व्यवस्था संबंधित पुख्ता इंतजाम किए जाए। बैठक में रिटॢनंग अधिकारी मूलचंद लूणिया, सीओ दौसा रवि प्रकाश शर्मा, सीओ नांगल राजावतान चारुल गुप्ता आदि ने विचार व्यक्त किए।