पहले भी हो चुकी वारदात
केस-1: गत 28 सितंबर को कस्बे के युवक श्रीकांत सोनी अंजान लिंक (एपीके फाइल) पर क्लिक कर ठगी का शिकार हो गया था। पीड़ित के खाते से 3 लाख 64 हजार की राशि साइबर ठगों ने निकाल ली थी। मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अभी तक अपराधियों का कोई पता नहीं लग पाया है।नित नए-नए तरीके अपना रहे ठग, सतर्कता जरूरी
साइबर ठग नित नए-नए तरीके अपना रहे हैं, ऐसे में सतर्कता आवश्यक है। साथ ही ठगी के तरीकों के बारे में भी जानकारी रखकर अलर्ट रहना जरूरी है। डिजिटल अरेस्ट में स्कैमर लोगों को पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर फोन करते हैं। वे लोगों को मनी लांड्रिंग या ड्रग्स जैसे मामलों में शामिल होने का दावा करते है जिसके बाद लोग डरकर स्केमर को पैसे भेज देते हैं।फिशिंग स्कैम में ठग जैसे केवाईसी करें वरना अकाउंट बंद हो जायेगा और फिर लिंक भेजते है, फिर फर्जी लिंक भेज कर अकाउंट खाली कर देते हैं। लक्की ड्रा स्कैम में स्कैमर लॉटरी या लक्की ड्रा प्राइज विनर का मैसेज भेजते हैं। लोग उस राशि को हासिल करने के लिए स्कैमर राशि का 5 से 10 फीसदी टैक्स के रूप में देने के लिए कहते है।यह भी पढ़ें: राजस्थान के मंत्री को सात साल की मासूम ने दिया चांदी का पेन, फिर गोद में बैठकर कर डाली ऐसी मांग वहीं कई बार लोगों के पास ठग रुपए प्राप्त होने का फर्जी मैसेज भेजते हैं। कुछ देर बाद आपात स्थिति का हवाला देते हुए उस पैसे को मांगते हैं, छानबीन किए बिना पैसे भेजने के चलते लोग ठगी का शिकार हो जाते है। इसके आलवा वेबसाइट और सोशल मीडिया पर पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा कर फीस देने को कहते हैं। लड़की की मदद से आपत्तिजनक कॉल कर भी लोगों को शिकार बनाया जाता है। इन दिनों स्कैमर फर्जी लिंक भेज नौकरियां की भर्ती के मैसेज भेजकर भी युवाओं को ठग रहे हैं। साइबर ठग पैसा स्कैमर यूल अकाउंट (किराया का खाता) में डलवाते हैं। अगर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें। संबंधित बैंक व पुलिस को अवगत कराएं।