सूत्रों के अनुसार औद्योगिक हब का केंद्र बिंदु बांदीकुई के कोलवा के आसपास रहेगा। इसके 20 किलोमीटर के रेडिएशन में औद्योगिक हब बनाया जाएगा। हालांकि एक जगह इतनी जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण अलग-अलग ब्लॉक में जमीन ली जाएगी और वहीं ब्लॉक में विभाजित कर उद्योग विकसित किए जाएंगे। उद्योगों के वर्गीकरण के हिसाब से जोन भी बनाए जा सकते हैं।
माना जा रहा है कि एक वर्ष के अंदर उद्योगों की भूमि को चिह्नित कर उसे विकसित करने का काम शुरू हो जाएगा। इस इंडस्ट्रीज हब के सड़क कनेक्टिविटी सहित सुविधा क्षेत्र के लिए कुछ भूमि अवाप्त भी की जा सकती है। इस औद्योगिक हब को गुड़गांव, नीमराना की तर्ज पर विकसित करने की योजना है।
रोजगार के खुलेंगे अवसर
जिले में करीब 4 हजार बीघा भूमि पर बनने वाला औद्योगिक हब से रोजगार के अवसर खुलेंगे। बांदीकुई तहसील क्षेत्र की 1300 बीघा, बसवा तहसील क्षेत्र की करीब 900 और दौसा की करीब 1800 सौ बीघा भूमि पर इंडस्ट्रीयल एरिया विकसित किया जाएगा। वर्तमान में यहां बड़े उद्योग स्थापित नहीं होने से क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोगों को काम के लिए बाहर जाना पड़ता हैं। ऐसे में स्थानीय स्तर पर ही काम मिलने से कामगारों को फायदा होगा। वहीं क्षेत्र का विकास भी होगा। सीधी कनेक्टीविटी से बेहतर संभावना
जिस जगह औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना बनाई है, वहां से प्रदेश की राजधानी जयपुर, देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुम्बई की सीधी कनेक्टिीविटी रहेगी। कनेक्टिविटी अच्छी होने की वजह से कच्चे माल व उत्पादित सामान आ जा सकेगा। दिल्ली से यहां महज करीब दो-ढाई घंटे में एक्सप्रेस-वे के जरिए पहुंचा जा सकता है। प्रदेश के अन्य शहरों के अलावा हरियाणा, गुजरात, यूपी, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पहुंचने के लिए भी हाइवे है। दिल्ली से भिवाड़ी पहुंचने में करीब सवा तीन घंटे का समय लगता है, जबकि यहां तक उससे कम समय में पहुंचा जा सकता हैं। वहीं एनसीआर में लागू बंदिशें भी यहां नहीं रहेंगी।
मुख्यमंत्री कर चुके घोषणा
गत दिनों दौसा आए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह राठौड़ दौसा जिले में औद्योगिक हब बनाने की घोषणा कर चुके हैं। बांदीकुई विधायक भागचंद टांकड़ा ने बताया कि एक्सप्रेस-वे से यहां औद्योगिक विकास की संभावना है। प्रदेश सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। शीघ्र ही औद्योगिक हब को विकसित कराया जाएगा।