बता दें कि आधुनिक सिग्नल प्रणाली से लाइन कैपेसिटी में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा ट्रेनों का परिचालन पहले से ज्यादा सुगम होगा। अभी तक दो स्टेशनों के बीच केवल एक ही गाड़ी का संचालन पूर्ण ब्लॉक पद्धति में हुआ करता था। अब ऑटोमेटिक सिगनल से एक ब्लॉक क्षेत्र में अधिक गाड़ियों का संचालन संभव होगा। ऑटोमेटिक सिग्नल के बाद चिरुला रेलवे स्टेशन पर खड़े रेल अधिकारी।
ऑटोमेटिक सिग्नल से समय की होगी बचत
ऑटोमेटिक सिग्नल व्यवस्था हो जाने के बाद ट्रेनों को हरी या लाल बत्ती दिखाने में तत्परता रहेगी। जबकि इससे पूर्व सिग्नल के लिए संबंधित कर्मचारी को प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती थी। ऐसे में ज्यादा समय व्यय हो जाता था। ऑटोमेटिक सिग्नल से समय की बचत होगी। विदित हो कि दतिया जिले के चिरुला रेलवे स्टेशन की शुरूआत छह वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद द्वारा की गई थी।
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