एक जोड़े ने बताया कि मंगलवार को दोनों ने फिर से शादी की जबकि उनकी शादी फरवरी महीने में हो चुकी है। युवतियां जब विवाह के लिए स्टेज पर पहुंची तो पहले से ही शादीशुदा थीं और उनकी मांग में संदूर भरा हुआ था। कई युवतियों के पैरों में बिछिया थी तो कई जोड़ों को शादी को चार से छह महीने का वक्त हो गया था। उसके बाद भी दोनों जोड़ों ने फिर से शादी की।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना के तहत सामूहिक विवाह के दौरान विवाह करने से दुल्हन के खाते में 51 हजार रुपए की राशि देने का प्रावधान है। सामूहिक विवाह की आयोजन संस्था यह सत्पापित करती है कि जो जोड़े शादी के लिए आ रहे हैं वो पात्रता के हकदार हैं या नहीं। लेकिन आयोजकों की मिली भगत के कारण 51 हजार रुपए के लालच में शादीशुदा जोड़ों का विवाह फिर से करा दिया गया।
नगर पालिका अध्यक्ष सुभाष अग्रवाल ने कहा- शादीशुदा जोड़ों के शामिल होने की बात सामने आई थी तो हमने मंच से एनाउंस भी कराया कि यदि ऐसा कोई जोड़ा है तो वह सम्मेलन में हिस्सा न ले। जोड़ों के संबंध में वार्ड प्रभारियों ने पूरी जांच पड़ताल की थी। मामले की जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।