दंतेवाड़ा

अगर घूमना आपका शौक है, ये दस कारण दंतेवाड़ा आने के लिए कर देंगे मजबूर

छत्तीसगढ़ वास्तव में आदिवासी संस्कृति और आदिवासी लोगों का स्वर्ग है।यह युवा राज्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के मध्य तक फैला हुआ है और पूर्व में ओडिशा तक स्थित है।

दंतेवाड़ाApr 25, 2019 / 01:32 pm

Deepak Sahu

अगर घूमना आपका शौक है, ये दस कारण दंतेवाड़ा आने के लिए कर देंगे मजबूर

दंतेवाड़ा. दंतेवाड़ा का जिक्र आते ही दिमाग में जो सबसे पहली तस्वीर उभरती है वो है नक्सल प्रभावित इलाके की लेकिन इस इलाके में पर्यटन की असीम संभावनाएं है।छत्तीसगढ़ वास्तव में आदिवासी संस्कृति और आदिवासी लोगों का स्वर्ग है।यह युवा राज्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के मध्य तक फैला हुआ है और पूर्व में ओडिशा तक स्थित है।बस्तर संभाग के छोटे, छोटे और विशाल क्षेत्र में छिपे हुए और प्राचीन रत्नों में से एक है दंतेवाड़ा ,जहाँ आपको जरूर जाना चाहिए।

1.अद्भुत परिदृश्य और कोरे जंगलों के साथ ही दंतेवाड़ा अपने हरे भरे धान के खेतों और जंगलों से आपको विस्मित कर देगा

2.दंतेवाड़ा के शानदार झरने वास्तव में इसके रत्न हैं और इस बात पर विश्वास करने के लिए आपको इसे देखना होगा।हालही में ढूंढा गया झरना विजय घूमर को भी आप देख सकते हैं जो जगदलपुर के पास ही है।साथ भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वॉटरफॉल को देखना भी मत भूलें।अगर आप झरने और वहां की नदी का और आनंद लेना चाहें तो नाव की सवारी करना ना भूलें ।
3. दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा का प्रमुख आकर्षण है। यह देवी दंतेश्वरी को समर्पित है और यह 52 शक्तिपीठों में से एक है। दंतेवाड़ा का नाम इस देवी के नाम पर पड़ा। देवी दंतेश्वरी इस स्थान की पारंपरिक पारिवारिक देवी हैं। कहानियों के अनुसार यह वह स्थान है जहाँ देवी सती का दांत गिरा था अत: इस स्थान की देवी को दंतेश्वरी कहा गया।
4.ढ़ोकल पीक समुद्र तल से 2994 फीट ऊंची चोटी है जहाँ भगवान गणेश की प्रतिमा है। पौराणिक कथाओं में इस जगह परशुराम और भगवान गणेश के बीच जिस युद्ध का वर्णन है।यही नहीं इस पहाड़ी के मनोरम दृश्य आपका मन मोह लेंगे।आप यहाँ हिल क्लाइम्बिंग और हाइकिंग जैसे एडवेंचर्स बसपोर्टस एक्टिविटी भी कर सकते हैं।
5. दंतेवाड़ा के लोगों ने अपनी विशिष्टता को आज भी बचा कर रखा है और यह विशिष्टता उनके जीवनशैली और उनके खानपान में भी झलकती है। आप यहाँ विशुद्ध आदिवासी संस्कृति और उनके पारम्परिक भोजन का ही आंनद ले सकते हैं।
6. अगर आप वन्य अभ्यारण के शौक़ीन है तो यह जगह आपके लिए जन्नत से कम नहीं है।इंद्रावती नदी के किनारे बसे इंद्रावती नेशनल पार्क में टाइगर के साथ ही जंगली भैसे,हिरणो की कई प्रजातियां के साथ ही चीता भालू आदि देखने को मिलेंगे।
7. बारसुर मंदिरों और तालाबों का शहर है | सदियों पुराने मंदिर और उतने ही पुराने नदियां और झरने | जैसे हिमाचल के मंडी को मंदिरों कि बहुतायत की वजह से ‘छोटी काशी’ कहा जाता है, छत्तीसगढ़ में बारसुर को भी वही दर्ज़ा प्राप्त है |
8. यह दंतेवाड़ा के प्रमुख आकर्षणों में से एक है जिसे देखने से नहीं चूकना चाहिए। दंतेवाड़ा से लगभग 14 किमी. की दूरी पर गमवाडा नाम का एक छोटा गाँव है। इस गाँव में पत्थर के बड़े स्तंभ पाए जाते हैं जिन्हें “स्मारक स्तंभ” कहा जाता है। इस स्तंभों का निर्माण कई शताब्दियों पहले यहाँ के स्थानीय निवासियों ने अपने प्रिय मृत व्यक्तियों की स्मृति स्वरुप किया था।
9. बारसुर से 6 किमी दुर इंद्रावती नदी 7 भागों पर विभाजित होकर एक सुंदर छोटे से झरना बन प्रवाहित होती है। घने हरे जंगलों से पूरी तरह से ढंका यह स्थान नदी, पानी और पहाड़ों के संयोजन की सुंदरता को समझाता है।अपनी सभी सुंदरता और शांतिपूर्ण इलाके के साथ सातधार एक पिकनिक स्पॉट है।
10. दंतेवाड़ा में पर्यटन की असीम संभावनाएं है। जीतनी बार भी आप यहाँ आएंगे आपको कुछ नया देखनेदेखने को मिलेगा। दंतेवाड़ा आपको मौका देता है की की आप उसे खुद एक्सप्लोर करें और आश्चर्य से भर जाएँ ।
 

 

6. अगर आप वन्य अभ्यारण के शौक़ीन है तो यह जगह आपके लिए जन्नत से कम नहीं है।इंद्रावती नदी के किनारे बसे इंद्रावती नेशनल पार्क में टाइगर के साथ ही जंगली भैसे,हिरणो की कई प्रजातियां के साथ ही चीता भालू आदि देखने को मिलेंगे।
7. बारसुर मंदिरों और तालाबों का शहर है | सदियों पुराने मंदिर और उतने ही पुराने नदियां और झरने | जैसे हिमाचल के मंडी को मंदिरों कि बहुतायत की वजह से ‘छोटी काशी’ कहा जाता है, छत्तीसगढ़ में बारसुर को भी वही दर्ज़ा प्राप्त है |
8. यह दंतेवाड़ा के प्रमुख आकर्षणों में से एक है जिसे देखने से नहीं चूकना चाहिए। दंतेवाड़ा से लगभग 14 किमी. की दूरी पर गमवाडा नाम का एक छोटा गाँव है। इस गाँव में पत्थर के बड़े स्तंभ पाए जाते हैं जिन्हें “स्मारक स्तंभ” कहा जाता है। इस स्तंभों का निर्माण कई शताब्दियों पहले यहाँ के स्थानीय निवासियों ने अपने प्रिय मृत व्यक्तियों की स्मृति स्वरुप किया था।
9. बारसुर से 6 किमी दुर इंद्रावती नदी 7 भागों पर विभाजित होकर एक सुंदर छोटे से झरना बन प्रवाहित होती है। घने हरे जंगलों से पूरी तरह से ढंका यह स्थान नदी, पानी और पहाड़ों के संयोजन की सुंदरता को समझाता है।अपनी सभी सुंदरता और शांतिपूर्ण इलाके के साथ सातधार एक पिकनिक स्पॉट है।
10. दंतेवाड़ा में पर्यटन की असीम संभावनाएं है। जीतनी बार भी आप यहाँ आएंगे आपको कुछ नया देखने को मिलेगा। दंतेवाड़ा आपको मौका देता है की की आप उसे खुद एक्सप्लोर करें और आश्चर्य से भर जाएँ ।
 

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