scriptकागजों में सुचारू, तो मौके पर बंद पड़ीं कई गांवों की नलजल योजना | Patrika News
दमोह

कागजों में सुचारू, तो मौके पर बंद पड़ीं कई गांवों की नलजल योजना

दमोह. जिले के ग्रामीण इलाकों में ठंड के मौसम के बावजूद पानी की समस्या बनी हुई है। हालात यह हैं कि जिले के दर्जनों गांवों में पीने के पानी के लिए लोग परेशान हैं। पीएचई विभाग के अंतर्गत ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही नल जल योजनाएं भी नाकाम साबित हो रही हैं।

दमोहJan 09, 2025 / 06:11 pm

हामिद खान

दमोह. जिले के ग्रामीण इलाकों में ठंड के मौसम के बावजूद पानी की समस्या बनी हुई है। हालात यह हैं कि जिले के दर्जनों गांवों में पीने के पानी के लिए लोग परेशान हैं। पीएचई विभाग के अंतर्गत ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही नल जल योजनाएं भी नाकाम साबित हो रही हैं। पीएचई विभाग के आंकड़ों में जिले में तकरीबन 400 नल जल योजनाएं संचालित होने का दावा किया जा रहा है।

दमोह. जिले के ग्रामीण इलाकों में ठंड के मौसम के बावजूद पानी की समस्या बनी हुई है। हालात यह हैं कि जिले के दर्जनों गांवों में पीने के पानी के लिए लोग परेशान हैं। पीएचई विभाग के अंतर्गत ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही नल जल योजनाएं भी नाकाम साबित हो रही हैं। पीएचई विभाग के आंकड़ों में जिले में तकरीबन 400 नल जल योजनाएं संचालित होने का दावा किया जा रहा है।

ठंड के मौसम में पीने के पानी की हो रही किल्लत

दमोह. जिले के ग्रामीण इलाकों में ठंड के मौसम के बावजूद पानी की समस्या बनी हुई है। हालात यह हैं कि जिले के दर्जनों गांवों में पीने के पानी के लिए लोग परेशान हैं। पीएचई विभाग के अंतर्गत ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही नल जल योजनाएं भी नाकाम साबित हो रही हैं। पीएचई विभाग के आंकड़ों में जिले में तकरीबन 400 नल जल योजनाएं संचालित होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि जमीनी स्तर पर हालात जुदा हैं। हकीकत में ग्रामीणों को अधिकतर नल जल योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। कई जगहों पर नल तो हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं आता। कुछ जगह पाइपलाइनें टूटी हुई हैं, तो कहीं मोटर खराब होने की वजह से पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है।
हैरानी की बात ये है कि ये स्थिति काफी वक्त से बनी हुई है। ऐसे में ग्रामीणों को हैंडपंप, कुओं या नदी या तालाबों का सहारा लेना पड़ रहा है। चिंता की बात ये है कि ठंड के मौसम में जल संकट का यह हाल है, तो गर्मियों में स्थिति और भयावह हो सकती है।
-पथरिया और बटियागढ़ में गिरता से सबसे ज्यादा जल स्तर
तेंदूखेड़ा, हटा, जबेरा, पथरिया, बटियागढ़ सहित अन्य ब्लॉक के कई गांवों में जलसंकट देखा जा सकता है। समानपुर, इमलीडोल, जामुनखेड़ा और सैलवाड़ा जैसे गांवों में हैंडपंप या तो खराब हैं या पर्याप्त पानी नहीं दे रहे। नलजल योजनाएं बंद होने से हालात और बिगड़ गए हैं। इसी तरह जिले के लखरोनी, सूखा, खजरी, नंदरई और अन्य प्रमुख गांवों में भी पानी की परेशानी है।
ग्रामीण बोले.. हमेशा की परेशानी, किसी को नहीं फिक्र
समानपुर के ग्रामीण रामलाल पटेल ने बताया कि हैंडपंप दो किमी दूर हैं और पानी कम, हवा ज्यादा देते हैं। जिससे पूरा गांव परेशान है। इसी तरह लखरोनी गांव के अर्जुन अहिरवार सहित अन्य ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए गांव में बारहों महीने पानी की परेशानी बताई। साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा कभी ध्यान नहीं दिया जाता। यहां तक कि गर्मियों में भीषण जलसंकट होता है। उस दौरान भी किसी जिम्मेदार को फिक्र नहीं होती।
फैक्ट फाइल
1229 गांव जिले में
10 लाख प्लस ग्रामीण आबादी
384 नलजल योजनाएं
जिले में 384 नलजल योजनाएं चल रही हैं। कुछ योजनाएं बंद हैं। ये बहुत पुरानी योजनाएं हैं। यदि कहीं योजनाओं को लेकर दिक्कत है, तो सुधार कराया जाएगा।
जीएस रावत, ईई पीएचई दमोह

Hindi News / Damoh / कागजों में सुचारू, तो मौके पर बंद पड़ीं कई गांवों की नलजल योजना

ट्रेंडिंग वीडियो