बहरहाल इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है। घटना में 5 माह की बालिका हीर और 3 साल की जानवी की जिंदा जलने से मौत हो गई है। वहीं बड़ी बहन कीर्ति 5 जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है, जिसे जबलपुर रेफर किया गया है।
दमोह रेफर किया, जहां दो ने तोड़ा दम
स्थानीय ग्रामीणों की मदद से तीनों बहनों को सिविल अस्पताल हटा लाया गया, यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया। हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर किया। शाम करीब 6.45 बजे बालिकाएं जिला अस्पताल पहुंची, जहां बालिका हीर और जानवी को मृत घोषित कर दिया। वहीं कीर्ति की हालत भी नाजुक बताई जा रही है।
सोते समय लगी आग, बचाने का नहीं मिला मौका
बालिकाओं के पिता गोविंद सिंह सौंर ने बताया कि दोपहर को तीनों बेटियां झोपड़ी में सो रहीं थीं। मैं पास में ही प्याज के खेत में सिंचाई कर रहा था और मेरी पत्नी भी वहीं खेत में भाजी तोड़ रही थी। अचानक देखा कि झोपड़ी से आग की लपटें निकल रहीं हैं। दौड़कर पहुंचे, लेकिन तब तक आग से बेटियां झुलस चुकी थीं। झुलसी हालत में हटा अस्पताल लेकर आए। ये भी पढ़ें: एमपी में बनेगा नया ‘कॉरिडोर’, ली जाएगी 17 गांवों की जमीन बंडा से बरोदा मजूदरी करने आए
पीड़ित गोविंद सिंह निवासी तरौलि तहसील बंडा जिला सागर ने बताया कि तीन माह पहले ही वह बरोदा के कल्लू सिंह के खेत पर मजदूरी करने के लिए आया। झोपड़ी में जब आग लगी, तो मैं समीप ही था। मैंने अपनी पत्नी से कहा कि बेटियां अकेलीं हैं। तुम वापस जाओ, तो उसने कहा कि अभी तीनों सो रहीं हैं। कुछ ही देर में झोपड़ी में आग लग गई।
सीएम ने दी आर्थिक सहायता
घटना को हृदयविदारक बताते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर कहा है कि मृत बालिकाओं के परिजनों को चार-चार लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही इलाजरत बालिका के उपचार में भी आर्थिक सहायता मिलेगी। सीएम ने घटना पर शोक व्यक्त किया है। झोपड़ी में तीन बच्चियों के झुलसने की घटना सामने आई थी। उन्हें तुरंत हटा से दमोह पहुंचाया गया था। आग कैसे लगी है। इसकी जांच की जा रही है। इस घटना में दो की मौत हो चुकी है। एक की हालत गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर किया गया है। -धर्मेंद्र सिंह, थाना प्रभारी हटा