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दमोह

ओवरलोड ट्रकों पर नहीं कंट्रोल, विभागीय कार्रवाई भी ढीली

हाइवे पर फर्राटा मारते है क्षमता से अधिक भरे हुए ट्रक और डंपर, कड़े नियम के बाद भी नहीं डर

दमोहOct 15, 2024 / 12:28 pm

Samved Jain

दमोह. जिले में ओवरलोड ट्रकों के कारण लगातार बड़े हादसे हो रहे हैं, बावजूद इसके ऐसे ट्रक, डंपरों के चालकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने में विभाग पीछे हैं। दुर्घटनाओं के समय मामूली कार्रवाई होने के कारण ट्रक और डंपर चालक मनमाने तरीके से वाहनों का संचालन कर रहे हैं। नतीजन, एक के बाद एक बड़े घटनाक्रम सामने आ रहे हैं।
समन्ना हादसे के बाद प्रशासन ने सख्ती जरूर बरती थी, लेकिन यह सख्ती सिर्फ ऑटो चालकों तक ही सीमित नजर आई थी। ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में कुछ जगहों पर जांच हुई थी, तो बसों और मालवाहकों पर भी चालानी कार्रवाई हुई थी, लेकिन ओवरलोड एक्ट के तहत जो बड़ी कार्रवाई होना थीं, वह इस दौरान नहीं हो सकी। नतीजन, ट्रक चालक फिर बेलगाम हो गए और हाल ही में बटियागढ़ के पास फिर एक बड़ा हादसा देखने मिला है। हालांकि, इस हादसे के बाद भी प्रशासन का सख्त रवैया अभी तक देखने नहीं मिला है।
  • क्षमता से दोगुना तक ढो रहे माल
    पत्रिका ने जब अलग-अलग धर्मकांटा पर पहुंचकर संचालकों और ट्रक, डंपर चालकों से जानकारी जुटाई तो एक बात स्पष्ट रूप से सामने आई कि क्षमता के अनुसार कोई भी ट्रक और डंपर नहीं चलता है। चालकों की माने तो ऐसा होने पर संचालकों को फायदा नहीं निकलता है, इसीलिए कई ट्रक और डंपर क्षमता से डेढ़ गुना और कई दो गुना तक लोड करके सड़कों पर दौड़ रहे हैं। अधिक लोड होने के कारण सबसे ज्यादा गाड़ी बहकने, स्टेयरिंग फेल होने, टायर फटने जैसे घटनाक्रम सामने आते हैं। इसके अलावा चालक की छोटी सी लापरवाही के कारण इससे बड़ी दुर्घटनाएं सामने आ जाती हैं। बता दें कि दमोह में टू लेन, फोर लेन रोड नहीं है, ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा बताया जाता है, क्योंकि ट्रक व डंपर चालक अपने वाहन को रोड से नीचे नहीं उतारते हैं।
  • परिवहन विभाग सिर्फ चालानी कार्रवाई तक सीमित
    ओवरलोड वाहनों, मालवाहकों के नियमों में कढ़ाई होने के बाद भी परिवहन विभाग कार्रवाई में सख्ती नहीं दिखा रहा है। बीते दिनों हुई कार्रवाई में परिवहन विभाग ने १५०० से लेकर २० हजार तक के चालान ट्रक चालकों के विरुद्ध काटे गए, जिससे इनका कोई फर्क नहीं पड़ता है। जबकि खनिज के मामले में यह कार्रवाई सख्त मानी जाती है। इसमें क्षमता से दोगुनी पैनाल्टी तक का प्रावधान है। परिवहन विभाग को चाहिए कि बड़ी पैनाल्टी ऐसे वाहनों के विरुद्ध करे, जिससे ट्रक, डंपर चालकों में भय देखने मिल सके। विदित हो कि बीते महीनों में परिवहन विभाग ने ५० से अधिक चालान ओवरलोड के काटे हैं।
  • खनिज विभाग ने बनाए सिर्फ १२ प्रकरण
    ओवरलोडिंग के मामले में भारी वाहनों का सबसे ज्यादा खनिज के लिए किया जाता है। दमोह से कटनी रोजाना ५० से अधिक डंपर ओवरलोड होकर रेत पहुंच रही है। सीमेंट फैक्ट्री से आवागमन कर रहे सैकड़ों वाहन भी खनिज लेकर ओवरलोड चल रहे हैं। इसके अलावा बीना और यूपी से खनिज लेकर पहुंचने वाले सैकड़ों वाहन भी यहां ओवरलोड पहुंचते हैं। इतना ही नहीं पत्थर, गिट्टी सहित अन्य वाहन भी ओवरलोड चल रहे हैं। इतना ही नहीं खनिज विभाग में पैनाल्टी भी ऐसी है कि प्रॉपर काम हो तो ओवरलोडिंग ही बंद हो जाए, लेकिन खनिज विभाग ऐसे प्रकरणों में सिर्फ दिखावा की कार्रवाई कर रहा है। इस वित्तीय वर्ष में खनिज विभाग ने महज १२ प्रकरण ही ओवरलोड के बनाए है।
  • जनता नहीं जेब की फिक्र
    ट्रक और डंपर के ओवरलोडिंग के मामले में परिवहन, खनिज और पुलिस विभाग सीधे तौर पर कार्रवाई करते हैं। जबकि रोजाना जिले भर में ५० से अधिक ऐसे वाहनों को अलग-अलग विभाग चेकिंग के नाम रोकता है। जिनमें से अधिकांश ओवरलोड तो होते ही हैं। इन ट्रक व डंपर चालकों पर दस्तावेजी कार्रवाई भी नहीं होती है और न ही इन्हें जब्त किया जाता है। ऐसे में स्पष्ट है कि शासकीय सेवक ही जनता की नहीं जेब की फिक्र अधिक करते हैं। नतीजन, सड़क पर ऐसे ट्रक और डंपर मौत बनकर दौड़ रहे हैं और हादसे लगातार सामने आ रहे हैं।
वर्शन
ट्रक और डंपर ओवरलोड चल रहे हैं तो इनके विरुद्ध अभियान बनाकर कार्रवाई करते है। खनिज लेकर एक भी डंपर ओवरलोड न जाए, ऐसा लक्ष्य है। अभी संबंधित को कार्रवाई के निर्देश देती हूं।
मीना मसराम, एडीएम दमोह

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