इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम अच्छे नागरिक, अच्छे इंसान बने। जैसे ही हम अच्छे नागरिक अच्छे इंसान बन जाते हैं। हमारा धरती पर जन्म लेना सौभाग्यशाली हो जाता हैं। भारत की माता एक हैं। भारत माता, भारत की देवी भारत की आराध्य माता है। हमारा धर्म, जाति, वर्ग, वर्ण सब अलग हो सकते हैं लेकिन सबकी माता एक हैं भारत माता। अगर हम भारत माता के लिए बलिदान तक कर देते हैं तो हमसे बड़ा सौभाग्यशाली कोई नहीं हैं।
उन्होंने कहा जिसका दिल बड़ा होता हैं वह देवता होता है। जिंदगी की खूबसूरती बांटने से शुरू होती हैं। भारतीय संस्कृति को देखना, सुनना, समझना हो एक ही मंत्र को याद करने की आवश्यकता है उसका नाम है, बांटना। जिस दिन यह भाव आ गया उस दिन भारत को उठने में एक सेकंड का समय लगेगा। यदि हम खड़े हो जाएं तो दुनिया की संभावना को बदलने की स्थिति में आ सकते हैं, सभी में अपार संभावनाएं हैं। आज की समस्याओं के लिए गहरी संकल्प को लेने की आवश्यकता हैं। भारत का इतिहास गौरवशाली इतिहास हैं, जिन समस्याओं से हम जूझ रहे हैं। हर व्यक्ति को हम व्यसन से मुक्त कर सकते हैं, जो अल्कोहल से हो रहा है, जो इंटरनेट से हो रहा है, वह भी एडिक्शन हैं। व्यसन करने से शरीर, मान, परिवार, घर का पैसा, खुशियां, संस्कार और आने वाली पीढिय़ां का सम्मान चला जाता हैं, हम एक जिम्मेदार परिवार को खो देते हैं।
राज्यमंत्री धर्मेन्द्र ङ्क्षसह लोधी ने कहा हम अपनी भारतीय संस्कृति व ज्ञान परंपरा को जानें, पूर्वजों पर गर्व करें, उनके बारे में पढ़ें तो निश्चित रूप से हमें गौरव की अनुभूति होगी। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. पीके जैन व प्राचार्य पीएल जैन और महाविद्यालय के प्रोफेसर्स ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में जिला प्रशासन की ओर से वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई। कृष्णा पटैल ने जागेश्वर महादेव का चित्र भेंट किया। आभार प्रदर्शन डॉ. विक्रांत ङ्क्षसह चौहान ने किया। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी, बड़ी संख्या में गायत्री परिवार, गणमान्य नागरिक, महाविद्यालयीन छात्र-छात्राएं और आमजन मौजूद रहे।