- किसी भी सीजन में मिलता है मांझा
पतंगबाजी का शौक रखने वाले महेश असाटी ने बताया कि लोग महंगे से महंगा मांझा खरीदते हैं। पहले सिर्फ देशी मांझे का ही इस्तेमाल होता था। लेकिन अब इसकी जगह चायनीज मांझे ने ले ली है। जो देशी की तुलना में मजबूत बताया जाता है और यह तेज भी होता है। स्थिति यह है कि पहले सिर्फ गर्मी के समय पतंगबाजी होती थी, लेकिन अब हर मौसम में लोग पतंग उड़ाते हैं। पतंग पहले सिर्फ कागज की मिलती थी और पन्नी से भी यह तैयार हो रही है। यही वजह है कि इस पतंग और मांझा बेचने के कारोबारियों की संख्या भी बढ़ गई है। हर मौसम में पतंग और मांझा शहर में बिकता है। संक्रांति से सीजन और बढ़ जाता है, इसके लिए खरीदी भी शुरू हो गई है। - डिमांड के अनुसार रखते है मांझा
एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चायनीज मांझे को ही लोग पसंद करते हैं। क्योंकि, यह मांझा नायलॉन और प्लास्टिक के मिश्रण से बनाया जाता है और यह बहुत मजबूत और तेज होता है। जबकि देशी मांझा कपास और रेशम का बना होता है। इस वजह से यह कम मजबूत होता है। हालांकि, यदि कोई बड़ा चाइनीज मांझा मांगता है, तो उसे नहीं दिया जाता है। साथ ही दुकानों पर इसकी उपलब्धता, बेचते नहीं है बताया जाता है।
आनंद राज, टी आई कोतवाली