जिनके फिंगरप्रिंट मैच नहीं होते, उन्हें रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी से सत्यापन कर राशन दिया जा सकता है। हालांकि इसमें अड़चन ये है कि कई बुजुर्ग मोबाइल का उपयोग नहीं करते। जिससे ओटीपी से राशन मिलना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा जिनके पास मोबाइल है, कई बार उनका रिचार्ज न होने पर ओटीपी नहीं आ पाता जिससे समस्या और बढ़ रही है।
इस माह का अब तक जिले में 543 राशन दुकानों पर औसत राशन वितरण 68.87 प्रतिशत जो चुका है। इस समय जिन दुकानों पर 30 फीसदी से कम वितरण हुआ उनकी संख्या 65 हैए जबकि 30 से 60 फीसदी वितरण वाली 77 दुकानें हैं। 60 से 90 फीसदी वितरण करने वाली 274 और 90 से अधिक वितरण वाली 127 दुकानें हैं।
क्या करें, खाली वापस आए
राशन नहीं मिलने पर ७० वर्षीय रामविशाल सिंह ने बताया कि मेरे अंगूठे का निशान चार पांच बार लगाया, लेकिन मिलान नहीं हुआ। साथ ही पात्रता पर्ची बनवाने के समय, जो मोबाइल नंबर दिया था वह मेरा नहीं था। अभी मुझे राशन नहीं मिला है। इसी तरह नन्नेभाई ने बताया कि कुछ समय पहले आग से हाथ जलने की वजह से फिंगर प्रिंट नहीं लगता है। राशन लेने गया था, लेकिन अभी राशन नहीं मिला है। एक दो दिन बाद फिर से बुलाया है। बता दें कि इस तरह की परेशानियां अन्य बुजुर्गों की भी हैं।
यह बोले जिम्मेदार