नगरपालिका ने अभी ९ थर्ड जेंडर को एकत्र कर लिया है। एक और होते ही १० का एक समूह बना लेंगे। जिन्हें एक कांट्रेक्ट के तहत रखा जाएगा। इन्हें शहर के सभी ३९ वार्डों से टैक्स, राजस्व वसूली करने का जिम्मा दिया जाएगा। इसके एवज में इन्हें एक तय मानदेय दिया जाएगा। कार्य को देखते हुए वसूली के प्रतिशत के आधार पर भी इन्हें काम दिया सकता है।
थर्ड जेंडर का समूह बनाने के बाद उन्हें एक-दो महीने की शुरुआत में ट्रैनिंग दी जाएगी। जिससे उनकी क्षमताओं को विकसित किया जा सके। इसके लिए शासन से बात की है। इस दौरान भी उन्होंने भुगतान किया जाएगा। कैसे काम करना है, नियम और कानून क्या हैं, बताएंगे। इसके बाद घर-घर वसूली और पैनाल्टी वसूली के लिए भेजा जाएगा।
सीएमओ प्रदीप शर्मा कहते है इसके पीछे उनका उद्देश्य स्पष्ट है। वह वर्ग भी हमारे बीच से ही हैं, लेकिन उन्हें कोई काम नहीं मिल पाता है। रोजगार उनका भी अधिकार है। ऐसे में हम उन्हें जोड़कर एक नवाचार करें, तो रिजल्ट भी बेहतर आएंगे। इससे एक तो उन्हें पहली बार रोजगार मिलेगा, दूसरा हमारी वसूली होगी, जिससे शहर के रुके काम होंगे।