साथ ही साथ हार्न न बजाने से लेकर किसी भी प्रकार के कचरे जैसे कि प्लास्टिक, बोतल इत्यादि को यहां वहां फेंकने पर मनाई की गई है और अगर किसी भी प्रकार का नियमों का उल्लघंन हुआ तो उस पर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी । मुहली रेंजर नीरज विसेन ने बताया कि टाइगर रिजर्व में लगातार टाइगर वा अन्य वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ती जा रही है और अब सड़क पर भी यह दिखाई देने लगे हैं इसलिए ये कदम उठाया जा रहा है। रात के समय केवल इमरजेंसी वाहनों को ही प्रवेश करने की परमीशन दिया जाएगा।
वीरांगना टाइगर रिजर्व में अब बाघों के लिए अलग-अलग जगह तैयार किए गए हैं, ताकि वे अपने क्षेत्र में शिकार की खोज में घूम सकें। अब बाघ अकेले ही अपने क्षेत्र में घूमते रहते हैं। कुछ दिनों से झापन और मुहली के बीच बाघों को मुख्य मार्ग पार करते हुए देखा गया है। इससे खतरा हो सकता है, खासकर रात के समय मोटरसाइकिल चलाने वाले लोगों के लिए। इस परिस्थिति को देखते हुए रानीदुर्गावती टाइगर रिजर्व के अधिकारी रात के समय यहां पर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा रहे हैं।
टाइगर रिजर्व के अधिकारी और कर्मचारी इसे लागू करने के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे है। अब तक वाहनों की प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है, और जो वाहन टाइगर रिजर्व की सीमा से गुजर रहे हैं, उनके ड्राइवरों को वनकर्मी पंपलेट और जानकारी देकर नियमों के बारे में बता रहे हैं। वाहन चालकों को यह सलाह दी जा रही है कि वे सामग्री सड़क पर न छोड़ें, क्योंकि इससे बंदर उन्हें खाने आते हैं और इसके कारण दूसरे वाहन उनसे टक्कर मार सकते हैं। इसके कारण कई जानवरों की मौत हो चुकी है।