हीरे की चमक वाले गोल पत्थर की हो रही अवैध खुदाई
खुदाई कर रहे ग्रामीण, खरीदने पहुंच रहे राजस्थान, गुजरात के जौहरी
Illegal excavation of diamond shining round stone
तेंदूखेड़ा (दमोह).दमोह जिले तेंदूखेड़ा ब्लॉक मुख्यालय से 35 किमी दूर ग्राम पंचायत बोरिया की वीरान बंजर भूमि पर बेशकीमती गोल पत्थर रूपी रत्न पिछले 15 दिन से निकल रहा है। यह पत्थर ग्रामीणों द्वारा गड्ढे खोदकर निकाला जा रहा है, इस पत्थर को खरीदने राजस्थान व गुजरात से पहुंच रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन व खनिज विभाग को इसकी भनक नहीं है। बताया जा रहा है कि मौके पर ही लाखों का पत्थर बिक चुका है।
बताया जा रहा है कि 15 दिन पहले एक आदिवासी सरकारी जमीन पर मिट्टी खोद रहा था। जिसे गोल पत्थर छोटे-छोटे आकार के प्राप्त हुए जिसके बाद उसने और खुदाई की तो वह पत्थर अत्याधिक मात्रा में मिले। उसने यह जानकारी बोरिया गांव के लोगों को दी, जिन्होंने भी वहां गड्डा खोदा उन्हें हीरे की चमक वाला गोल पत्थर रूपी रत्न मिला। इसके बाद करीब 20 एकड़ के दायरे में बोरिया गांव और आसपास के गांव के लोग अपने परिवार सहित टोलिया बनाकर दिन भर पत्थर निकालने लगे। लोग गैंती, फावड़ा लेकर दिन भर खुदाई कर रहे हैं।
1 हजार से 2 हजार के बीच बिक रहा
पत्रिका जब मौके पर पहुंची तो उसे पता चला कि पिछले 15 दिन से राजस्थान, गुजरात के अलावा सागर जबलपुर, नरसिंहपुर, भोपाल, इंदौर जैसे शहरों से लोग पहुंच रहे थे। एक खुदाई करने वाले ग्रामीण से जबलपुर के इदरीश भाई पत्थर खरीद रहे थे, उन्होंने पत्थर के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया लेकिन उन्होंने कहा है यह कीमती पत्थर है जो उन्होंने ग्रामीणों से अत्याधिक साफ 2 हजार रुपए व कम साफ छोटा गोल पत्थर एक हजार रुपए में खरीदा था। इसी तरह लक्जरी कारों से लोग पहुंच रहे थे और पत्थर खरीदकर वापस जा रहे थे। सागर से पत्थर खरीदने आए गोलू तिवारी ने बताया कि यह पत्थर काफी प्राचीन वह मोती के समान है। अंतर राष्ट्रीय बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है। बाहर इस गांव की चर्चा चल रही थी, जिससे वह भी पत्थर खरीदने आ गए।
2 फुट गड्ढा खुदते ही निकल रहे रत्न
खुदाई कर रहे लोगों ने बताया कि 2 फुट गड्ढा खोदने पर ही हीरे की चमक वाले गोल पत्थर निकल रहे हैं। ग्रामीणों को यह नहीं पता कि यह पत्थर क्या है, लेकिन दो चार दिन खुदाई के बाद जब खरीददार ही यहां पहुंचने लगे तो गांव के लोगों को एक रोजगार मिल गया। हालांकि ग्रामीण की मानें यह पत्थर बेशकीमती है, जिसका अंतर राष्ट्रीय बाजार अधिक है, इसलिए बाहर से लोग खरीदने पहुंच रहे हैं।
बोरिया का पुराना नाम बड़ी देवरी
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि सागर जिले की बड़ी देवरी के लोगों का प्राचीन गांव वर्तमान बोरिया ही था, जिसका पहले देवरी था। जहां घर और मकान बने थे, यहां के लोग इस जगह को छोड़कर चले गए और सागर जिले में रहने लगे जिसका नाम बड़ी देवरी पड़ा जो एक विधानसभा क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इस वीरान जमीन पर लोग मवेशी चराने आते थे, जो पिछले 15 दिनों से बेशकीमती रत्न उगल रही है और ग्रामीण उसे खोदकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।
बाहर खबर खनिज विभाग बेखबर
पिछले 15 दिन से हो रही रत्न की अवैध खुदाई हो रही है। इस रत्न के पारखियों को राजस्थान, गुजरात, जबलपुर, नरसिंहपुर, सागर, भोपाल, इंदौर तक खबर मिल गई, लेकिन बोरिया गांव के तारादेही थाना को खबर नहीं मिली। न ही यह खबर खनिज विभाग व जिला प्रशासन को लगी। जिससे पत्रिका के पहुंचने तक जिला प्रशासन इस मामले से पूरी तरह बेखबर रहा।
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