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दमोह-नागपुर साप्ताहिक ट्रेन को लेकर लोगों की क्या हैं प्रतिक्रिया, जानिए

दमोह-नागपुर साप्ताहिक ट्रेन को लेकर लोगों की क्या हैं प्रतिक्रिया, जानिए,शुरू होने से पहले चर्चाओं में दमोह-नागपुर साप्ताहिक ट्रेन – लोग बता रहे ट्रेन को लेकर समस्याएं, दूसरी ट्रेन की मांग

दमोहJul 22, 2023 / 11:47 am

Samved Jain

दमोह-नागपुर साप्ताहिक ट्रेन को लेकर लोगों की क्या हैं प्रतिक्रिया, जानिए

दमोह-नागपुर साप्ताहिक ट्रेन को लेकर लोगों की क्या हैं प्रतिक्रिया, जानिए

दमोह. नागपुर से दमोह के लिए ट्रेन को लेकर पहली बार रेलवे का प्रस्ताव सामने आया हैं। इसे लेकर लोगों में जितनी उत्सुकता हैं, उतना ही आक्रोश देखने मिल रहा हैं। ट्रेन का प्रस्ताव वायरल होते ही लोग इस पर तरह-तरह के कमेंट करते नजर आ रहे हैं। साथ ही इसे चुनावी ट्रेन बता रहे हैं। इतना ही नहीं लोग यह भी नहीं कहने से चूक रहे हैं कि आगे इस ट्रेन को घाटे में चलना बताकर बंद कर दिया जाएगा।

दमोह-नागपुर ट्रेन का टाइम टेबल

साथ ही दमोह से नागपुर ट्रेन चलाने का रास्ता भी पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। यही वजह यह है कि लोग सौगात के पहले ही इस ट्रेन की मंजूरी को रोकना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसे लेकर लगातार सोशल मीडिया पर डिबेट भी चल रहे हैं। पत्रिका ने भी इसे लेकर शहर के कुछ जागरुक लोगों से चर्चा की और ट्रेन को लेकर उनका मत लिया।
– कटनी रूट होगा सबसे बेहतर जबलपुर

-कोटा एक्सप्रेस और जबलपुर- खजुराहो सुपरफास्ट एक्सप्रेस त्रिदिवसीय इन दोनो ट्रेनों पुन: शुरू करके वाया जबलपुर, नैनपुर, छिंदवाड़ा, से नागपुर तक या नैनपुर, गोंदिया से नागपुर तक बढ़ाया जाता है। इस ट्रेन के बीना से कटनी के बीच में छोटे-छोटे स्टेशनों पर स्टापेज थे, यदि यह ट्रेन फिर से चलाकर नागपुर तक बढ़ाई जाती है, तो बुंदेलखंड के सभी रोगी, बीमार व्यक्ति विशेष के लिए मददगार साबित होगी।
प्रांजल चौहान, दमोह

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ट्रेन सुबह ५ बजे नागपुर पहुंचे

दमोह, सागर को ऐसी ट्रेन चाहिए जो सुबह 5 बजे नागपुर पहुंचे, क्योंकि नागपुर की अस्पतालों में सुबह 5 बजे से ही नंबर लगना शुरू हो जाते है। इस प्रस्तावित ट्रेन की जो टाइमिंग आई है। इससे कोई फायदा होने वाला नहीं हैं। ट्रेन नागपुर पहुंचने के बाद पूरे सप्ताह तक वापसी के लिए कोई ट्रेन नहीं रहेगी।
सुरेंद्र छोटू दवे, दमोह

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-नागपुर के लिए हो नियमित ट्रेन

एसी कमरे में बैठकर योजनाएं बना दी जाती हैं, उन्हें आमजनता का दुख दर्द नहीं दिखता है। पैसे वालों और रसूखदारों को वंदेभारत एक्सप्रेस चला दी जाती है। कम से कम बुंदेलखंड के रोगी, बीमार, मरीज और गरीब जनता की जरूरत और सुविधा के हिसाब से नागपुर के लिए नियमित ट्रेन चलाई जा सकती हैं। साप्ताहिक और भोपाल रूट से यह ट्रेन सफल नहीं हो सकती हैं। प्रस्तावित ट्रेन रोगी, बीमार ,मरीजों के हिसाब से उपयुक्त साबित नहीं होगी। ट्रेन 13 घंटों में पहुंचेगी।
लखन राय, दमोह

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– ६ महीने में बंद हो जाएगी ट्रेन

हमें प्रतिदिन शाम को नागपुर के ट्रेन चाहिए। साप्ताहिक ट्रेन लालीपाप है। यह ट्रेन 6 महीनो में बंद हो सकती है। क्योंकि, जिस समय, दिन और रूट पर यह ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है, वह पूरी तरह फेल हैं। आमजनमानस की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव बनाना चाहिए। इससे सिर्फ दमोह और सागर के लिए डॉक्टर्स का आवागमन बढ़ जाएगा, न कि यात्रियों का नागपुर का।
दिलीप चौरसिया, दमोह

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वर्तमान में दमोह में विभिन्न चिकत्सीय सुविधाओं की आधुनिक व्यवस्था नहीं है। साथ ही अनुभवी चिकित्सक नहीं है। इसलिए प्रतिदिन ट्रेन की अत्यंत अति आवश्यकता हैं। यदि प्रस्तावित ट्रेन से इलाज कराने जाएंगे तो वापसी में आने में हमारा नंबर एक हफ्ते बाद में आएगा, क्योंकि यह ट्रेन साप्ताहिक है। बुंदेलखंड के मरीजों की जरूरत के हिसाब से प्रस्तावित ट्रेन का रूट और समय घोषित नहीं किया गया। 15 साल के इंतजार के बाद रेलवे नागपुर के लिए ट्रेन देने जा रही हैं, वो भी साप्ताहिक जोकि गलत है, सबको डेली ट्रेन की जरूरत हैं।
ओमकार पटेल, दमोह

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