कौन हैं डॉक्टर अजय लाल
डॉ. अजय लाल के पास ईसाई मिशनरी से जुड़े कई पद हैं। वह नर्सिंग कॉलेज भी चलाता है। पहले उसकी संस्था का नाम मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन था। इसे बदलकर आधारशिला संस्थान किया।
धर्मांतरण का भी मामला डॉ. लाल की संस्था को लोगों की स्वास्थ्य सेवा के लिए विदेशों से भी फंडिंग मिलती है। डॉक्टर पर फंडिंग के जरिए धर्मांतरण का भी आरोप है। हाल ही में उसके बेटे अभिजीत लाल और करीबी संजीव लैबर्ट पर मिशन अस्पताल के तीन कर्मचारियों ने जबरन धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था।
इसलिए किया था नजरबंद बाल आयोग ने 18 साल पहले पोस्ट अडॉप्ट किए दो बच्चों को लेकर मानव तस्करी की आशंका जताई थी। कलेक्टर के निर्देश पर जांच हुई। महिला बाल विकास अधिकारी, एसडीएम, पुलिस अफसरों ने पूछताछ के लिए डॉ. अजय लाल को उसके घर में हिरासत में लिया। बंगले के चारों ओर पुलिस थी, फिर भी डॉक्टर गायब हो गया।
बाल आयोग ने उठाया था मामला मारुताल में डॉ. अजय लाल की आधारशिला संस्था के जरिए बाल भवन चल रहा था। इसमें अनाथ बच्चे रहते थे। एक साल पहले राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह पुलिस को पत्र जारी कियाए इसमें 18 साल पहले बाल भवन से अडॉप्ट किए गए दो बच्चों को लेकर मानव तस्करी की आशंका जताई थी। इसके बाद बाल भवन को बंद कर दिया गया। पुलिस ने जांच की और संतोषजनक तथ्य न मिलने पर केस दर्ज कर लिया।
अडॉप्शन के नहीं दिए दस्तावेज आधारशिला संस्थान के बाल भवन का संचालन करने वाली कमेटी के सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया है। एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि एनसीपीसीआर ने दो बच्चों के अडॉप्शन पर नोटिस दिया था। इस पर डॉ. अजय लाल से बच्चों को बाल भवन में लाने, अडॉप्शन और पोस्ट अडॉप्शन संबंधी दस्तावेज मांगे थे। डॉक्टर ने एक भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया। इसके बाद मंगलवार आधी रात केस दर्ज किया गया।