अपार आईडी यानि कि ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री बनाए जाने के मामले में स्कूलों की क्या स्थिति है, यह जानने के लिए कुछ स्कूल प्रबंधन से लेकर स्टूडेंट से पत्रिका ने बात की। जिसमें सामने आया कि अपार आईडी बनाने का काम तो शुरू हो गया है लेकिन बच्चों के डॉक्यूमेंट में स्पेलिंग से लेकर जन्मतिथि में बड़ी संख्या में गड़बड़ी सामने आ रही हैं। इसके अलावा यू-डाइस पर स्टूडेंट की जानकारी अपडेट न होना भी एक कारण सामने आया है। अधिकांश स्टूडेंट को अपार आईडी के बारे में जानकारी तक नहीं है।
-जानकारी फीड करते ही गलतियां आई सामने
एक स्कूल से मिली जानकारी के मुताबिक उनके यहां अपार आईडी बनाने के लिए एक टीचर को जिम्मेदारी दी गई है। जैसे ही उन्होंने स्टूडेंट की आईडी बनाने पोर्टल पर जानकारी फीड की तो एक-एक कर स्टूडेंट की डॉक्यूमेंट की गलती सामने आने लगी। क्योंकि पोर्टल आधार कार्ड की जानकारी को कक्षा 10 की मार्कशीट में भरी जानकारी से मेच करने लगा तो गलती सामने आ गईं। अधिकांश स्टूडेंट के आधार और मार्कशीट की जानकारी एक जैसी नहीं थी। किसी स्टूडेंट के नाम तो किसी के माता और पिता के नाम की स्पेलिंग में भिन्नता सामने आई।
-यू-डाइस पर स्टूडेंट की जानकारी अपडेट नहीं
किसी भी स्टूडेंट की अपार आईडी अब तक क्यों नहीं बन पाई है, इसका कारण स्कूल प्रबंधन से जाना गया तब उन्होंने बताया कि अपार आईडी यूडाइस पोर्टल पर आधारित है। सबसे पहले प्रत्येक स्कूल को अपने सभी स्टूडेंट की जानकारी यू-डाइस पोर्टल पर अपडेट करनी होगी, तब ही अपार आईडी बनेगी। पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि कई स्कूलों में यू-डाइस पोर्टल को अपडेट करने स्थायी स्टाफ ही न हीं है। ऐसे में कोई शिक्षक से तो कोई निजी ऑपरेटर की मदद से यह काम करवा रहे हैं।
अपार आईडी बनाते समय कई स्टूडेंट की जन्म तिथि गलत पाई गई। अब ऐसे में स्टूडेंट को कक्षा 10 की मार्कशीट के हिसाब से आधार में अपडेट करानी होगी। यह काम आधार सेंटर पर जाकर हो तो जाएगा, लेकिन उन स्टूडेंट को ज्यादा परेशानी आ रही है जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं। उन्हें नगर पालिका और तहसील से संबंधित औपचारिकताएं पूरी कर पहले जन्म प्रमाण पत्र बनवाना पड़ेगा तब ही जन्मतिथि सही हो पाएगी।
वर्शन
अपार आइडी बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ५० से अधिक स्कूलों ने अब तक इसे लेकर काम भी शुरू नहीं किया है। जिन्हें निर्देश जारी किए गए हैं। दस्तावेज एक से नहीं होने की स्थिति में अपार आइडी बनना संभव नहीं है।
एसके नेमा, डीइओ दमोह
६५ हजार बच्चे है ९ से १२ तक दर्ज
५६०० बच्चों की करीब बन चुकी है अपार आइडी।
१६७ हाइ और हायर सेकेंडरी स्कूल है जिले में
९ प्रतिशत काम अब तक पूरा।
३१ दिसंबर तक का समय नए सर्कुलर से मिला।
२२वें नंबर पर प्रदेश की रैंकिंग में दमोह।