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कलेक्ट्रेट से किल्लाई चौराहा मार्ग पर हो रहे हादसे, कई समा चुके हैं काल के गाल में

शहर के भीतर हो रहे सड़क हादसों में कई ने गंवाई जान दमोह. शहर की सड़कों पर रोजाना हादसेे हो रहे हैं। सड़कें कई वाहन चालकों के लिए मौत की वजह बन रही हैं। बीते डेढ़ से दो वर्षों में सड़क हादसों का आंकड़ा चौंकाने वाला रहा है। इस दौरान दर्जनों सड़क हादसे हो चुके […]

दमोहNov 05, 2024 / 06:04 pm

हामिद खान

शहर के भीतर हो रहे सड़क हादसों में कई ने गंवाई जान

शहर के भीतर हो रहे सड़क हादसों में कई ने गंवाई जान

शहर के भीतर हो रहे सड़क हादसों में कई ने गंवाई जान

दमोह. शहर की सड़कों पर रोजाना हादसेे हो रहे हैं। सड़कें कई वाहन चालकों के लिए मौत की वजह बन रही हैं। बीते डेढ़ से दो वर्षों में सड़क हादसों का आंकड़ा चौंकाने वाला रहा है। इस दौरान दर्जनों सड़क हादसे हो चुके हैं। आधा दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। शहर का सबसे प्रमुख दुर्घटना स्थल कलेक्ट्रेट से किल्लाई नाका चौराहा मार्ग बन चुका है। ये मार्ग पिछले डेढ़ दो साल से सड़क हादसों का हॉटस्पॉट बना हुआ है। इसी सड़क पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय निवासी रमेश ङ्क्षसह, निरंजन पाठक, अतुल कुमार, रघुवीर सहित अन्य का कहना है कि रोड सेफ्टी के मानकों के हिसाब से शहर की सड़कें खराब हैं। ऊपर से अतिक्रमण और यातायात नियमों की अनदेखी हो रही है। जिससे हादसे बढ़ रहे हैं।
हादसों के बाद भी नहीं ले रहे सबक
प्रशासन ने सड़क सुरक्षा में सुधार का आश्वासन तो दिए, लेकिन जानकर हैरानी होगी कि असलियत में सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। सड़क सुरक्षा को लेकर जितनी बातें की जाती हैं। उन पर अमल नहीं हो रहा है।
शहर में कब-कब हादसों में लोगों ने गंवाई जान
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नवंबर 2022 ने कलेक्ट्रेट किल्लाई चौराहा मार्ग पर युवा व्यवसायी कल्पेश गुजराती की कार डिवाइडर से टकराई थी। जिसमें कल्पेश की मौत हो गई थी।
* अगस्त 2023 में साइकिल से घूमने गई सुप्रिया असाटी को बेलाताल मार्ग पर तेज रफ्तार ट्रक ने रौंद दिया था। जिससे सुप्रिया की जान चली गई थी।
* मार्च 2024 में शहर के टंडन पेट्रोल पंप के पास कॉलेज छात्र बसंत कुशवाहा की बस टक्कर में मौत हो गई थी।
* नवंबर 2022 में जबलपुर मार्ग पर सड़क पर खड़े ट्रक के पीछे बाइक चालक अनियंत्रित होकर घुस गया था। इसमें बाइक चालक काल के गाल में समा गया था।
* कलेक्ट्रेट के समीप किल्लाई चौराहा मार्ग पर रत्नेश सालोमन बंगला के समीप ०१ नवंबर २०२४ की रात पुलिस कर्मी प्रशून खेहरिया की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई।
शहर में बढ़ते हादसों के पीछे ये कमियां
स्पीड ब्रेकर और संकेतक: दुर्घटनाग्रस्त कलेक्ट्रेट, किल्लाई नाका सहित अन्य मार्गों पर स्पीड ब्रेकर और संकेतक की कमी है।
उचित लाइटिंग: देखने में आ रहा है कि कई सड़कों पर पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था नहीं है।
जेब्रा क्रॉसिंग: व्यस्त क्षेत्रों में पैदल यात्रियों के लिए जेब्रा क्रॉसिंग और पेडेस्ट्रियन ब्रिज का भी अभाव है।
मजबूत बैरिकेड्स: शहर में कुछ मार्गों पर अचानक मार्ग मुड़ जाते हैं, लेकिन वहां बैरिकेड्स व चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाए गए।
ट्रैफिक पुलिस की कमी: मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस की कमी से वाहन चालक मनमानी करते हैं और हादसों का शिकार बन रहे हैं।
सड़क हादसों को रोकने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को भी इस ओर जागरूक होना जरूरी है, तभी हादसे रूक सकते हैं।
संदीप मिश्रा, एएसपी दमोह

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