दमोह

एमपी में स्कूल फीस और किताबों पर मनमर्जी पर सख्ती, अभिभावकों को लौटानी होगी 3 साल की राशि

school fees and books will have to be returned in mp मध्यप्रदेश में निजी स्कूलों की मनमर्जी फीस और किताबों के फर्जीवाड़ा के खिलाफ पत्रिका अभियान को लगातार सफलता मिल रही है।

दमोहJan 18, 2025 / 10:21 am

deepak deewan

3 years’ amount of school fees and books will have to be returned

मध्यप्रदेश में निजी स्कूलों की मनमर्जी फीस और किताबों के फर्जीवाड़ा के खिलाफ पत्रिका अभियान को लगातार सफलता मिल रही है। दमोह के सेंट जॉन्स सीनियर सेकंडरी स्कूल की 6 माह से चल रही जांच जिला शिक्षा समिति ने पूरी कर ली है। जांच के बाद स्कूल को अभिभावकों को करीब 7 करोड़ रुपए लौटाने होंगे। दमोह जिला शिक्षा समिति ने स्कूल से मनमर्जी की फीस 30 दिन में लौटाने को कहा है।
समिति ने स्कूल पर विद्यार्थियों की करीब पौने 7 करोड़ रुपए की देनदारी निकली है। स्कूल को 30 दिन में यह रुपए लौटाने होंगे। समिति ने इसके निर्देश जारी किए हैं। स्कूल पर दो लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है।
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समिति ने सत्र 2021-22 से 2023-24 तक व्यय पर आय का आधिक्य यानि सरप्लस 15% से अधिक होने के आरोप में सत्र 2022-23, 2023-24 व 2024-25 में की गई फीस वृद्धि को अमान्य किया है। यह राशि अभिभावकों को देनी होगी।
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101 किताबें फर्जी मिलीं
स्कूल प्रबंधन ने सत्र 2024-25 में निजी प्रकाशकों की 204 किताबें अनुशंसित की, समिति को 101 किताबें फेक व डुप्लीकेट आइएसबीएन वाली मिली। स्कूल ने निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें अनुशंसित कर अभिभावकों पर बोझ डाला। इन किताबों के 52.24 लाख रुपए छात्रों को लौटाने के आदेश दिए।

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