बड़ा हादसा : 150 साल पुराना बरांडा भरभराकर गिरा, जेसीबी मशीन के साथ मजदूर मलबे में दबा, युद्ध स्तर पर चला रेस्क्यू
150 year old veranda collapse : बरांडा गेट के आसपास रहने वाले लोग अचानक से तेज भड़ बड़ाहट और किसी चीज के गिरने की तेज आवाज से घबरा गए और यहां हड़कंप के हालात बन गए।
Damoh News. शहर के मुख्य बाजार घंटाघर के पास स्थित प्राचीन बरांडा का मुख्य गेट शनिवार की रात करीब 10.30 बजे अचानक से धराशाई हो गया। यह घटना उसे समय हुई जब बाजू में चल रहे ग्राउंड लेवल कंस्ट्रक्शन कार्य के दौरान एक जेसीबी मशीन ने गेट के एक हिस्से की तरफ खोदना शुरू किया था, इसी दौरान हाथी दरबार की तरह बना यह है बरांडा धराशाई हो गया।
बरांडा गेट के आसपास रहने वाले लोग अचानक से तेज भड़ बड़ाहट और किसी चीज के गिरने की तेज आवाज से घबरा गए और यहां हड़कंप के हालात बन गए। आसपास रहने वाले लोग घरों से बाहर निकल आए और उन्होंने मामले की जानकारी तत्काल ही पुलिस और प्रशासन को दी।
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मलबे में दबा मजदूर
स्थानीय लोगों ने बताया कि बरांडा के मुख्य गेट के गिरने से नीचे काम रही जेसीबी भी पूरी तरह चकनाचूर हो गई, वहीं एक मजदूर भी इसकी चपेट में आ गया। गनीमत यह रही कि लोगों ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल ही उक्त मजदूर को मालवा से निकाल लिया और जिला अस्पताल में दाखिल कराया। जहां गंभीर हालत में उसका उपचार चल रहा है। मालवा के नीचे और भी कोई व्यक्ति दवा है या नहीं इसकी जानकारी फिलहाल स्पष्ट नहीं है। हालांकि यहां मौजूद लोगों के अनुसार घटना के वक्त गेट के नीचे कोई भी नहीं था।
मामले की जानकारी लगते ही पुलिस प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंच गया है। वही रात 11:00 बजे क्षेत्र की बिजली कटौती करने के बाद मलवा को हटाकर यहां और कोई व्यक्ति तो नहीं दवा है यह देखना शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बरांडा गेट के जस्ट बाजू में कस्तूरचंद जैन का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें फिलहाल फाउंडेशन कार्य के लिए ग्राउंड लेवल की खुदाई चल रही है। इसी की खुदाई के लिए रात को 10 बजे एक जेसीबी वहां आई थी, जो इस गेट के नीचे से निकला था और खुदाई वाले स्थल पर जाकर गेट की तरफ ही खुदाई कर रहा थी। लोगों को मानना है कि जिस तरफ गेट की खुदाई चल रही थी उसी तरफ गेट की नींव रही होगी, जिसमे जेसीबी का पंजा लगते ही वह गेट पूरी तरह धराशाई हो गया। गेट के धराशाई होने से गेट के नीचे बनी एक दुकान भी धराशाई हो गई। गनीमत यह रही कि गेट का दूसरा हिस्सा जो दूसरे मकान से लगा हुआ है वो अभी सलामत है। गेट के दूसरी तरफ शिखर चंद्र जैन रहते हैं, जो घटना के बाद से ही दहशत में हैं। फिलहाल, लोगों की भीड़ देर रात तक मौके पर जमा रही।
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