लोगों का कहना था कि किसी भी कीमत पर वे यहां कलाली नहीं चलने देंगे इससे माहौल बिगड़ रहा है। सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया और कलाली का शटर डलवा दिया।
कस्बे के वार्ड 12 पानी की टंकी के पास देशी शराब की कलाली संचालित है। इस कलाली का पिछले एक साल से क्षेत्रीय निवासी विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने कलेक्टर, एसपी समेत आबकारी विभाग को कलाली हटाने को लेकर शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पिछले 40 दिन से लॉकडाउन के चलते कलाली बंद थी जिससे क्षेत्र में शांति थी। गुरुवार को जैसे ही कलाली खुली दोपहर 12 बजे क्षेत्रीय लोग एकत्रित हो गए और विरोध शुरू कर दिया।
उनका कहना था कि कलाली से माहौल खराब होता है। इसलिए वे इसे यहां नहीं चलने देंगे कलाली दूसरे स्थान पर ले जाई जाए। विरोध की जानकारी जैसे ही थाना प्रभारी अनिल सिंह भदौरिया को उन्होंने मौके पर पुलिस फोर्स भेजा । जहां पुलिस ने विरोध कर रही जनता को समझाया कि आप विरोध ना करें आप की सहमति से ही कलारी खोली जाएगी और कलारी का शटर डलवा दिया।
इसके साथ ही ठेकेदार से कहा कि आप ऐसी जगह का चयन नगर में कर ले जहां जनता का विरोध ना हो और आप ही अपनी कलाली वहां आराम से चला सके। इसके बाद ठेकेदार ने दो-तीन जगह नगर में देखी पर पसंद नहीं आई। इसके बाद उन्होंने दोबारा से पुरानी कलाली खोलने की कोशिश की तब ग्रामीणों के विरोध के बाद आबकारी इंस्पेक्टर मनीष द्विवेदी आए और ठेकेदार को समझाइश दी की जगह ऐसी चयनित कर लो जहां जनता का विरोध ना हो।
विरोध कर रहे क्षेत्रीय निवासी दीवान सिंह आर्य, प्रीतम बरेठा, जगन्नाथ ठेकेदार और आशाराम आर्य ने बताया कि कलाली के कारण माहौल खराब हो रहा है। शराब पीकर यहां लोग गाली-गलौज लड़ाई-झगड़े करते हैं। रात एक बजे तक हुल्लड़ होने से लोग सो नहीं पाते। महिलाएं निकलने में अपने आपको असुरिक्षत महसूस करती हैं।