यह बात पंडित पुष्पानंद महाराज ने कही। वे माहेश्वरी महिला संगठन की ओर से 63वें स्थापना दिवस के उपलक्ष में आयोजित सात दिनी शिव महापुराण के पहले दिन कथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर स्वरूप ब्रह्मा जी के सामने लिया था । भगवान शिव और शक्ति को एक साथ पसंद करने के लिए भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप की आराधना की जाती है । इस अवसर पर सुनारबावड़ी स्थित रामोला मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई ।कलश यात्रा में आचार्य पंडित पुष्पानंद महाराज कांटा फोड़ वाले बग्घी में सवार थे । आगे-आगे महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए चल रही थी । कलश यात्रा का रास्ते में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। कलश यात्रा चौमुखी पुल, चांदनी चौक होती हुई कसारा बाजार माहेश्वरी भवन पहुंची। कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान उषा घनश्याम, हर्षा आशीष, अंजलि रितेश लोहिया ने पौथी पूजन किया । पुष्पानंद महाराज का स्वागत समाज अध्यक्ष शैलेंद्र डागा, माधव काकानी, रमेश गुप्ता, शुभ लक्ष्मी भट्टर , दीपक भंसाली आदि ने किया। अंत में आरती कर प्रसादी वितरित की गई । संगठन अध्यक्ष शशि देवी मालपानी, संरक्षक रुक्मिणी देवी मंत्री ,सचिव रमिला मंत्री ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक माहेश्वरी भवन कसारा बाजार में होगी। संचालन राजेश चोखड़ा ने किया
आलोट से अयोध्या तक साइकिल से यात्रा
क्षेत्र में सुख शांति समृद्धि एवं अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर जीणोद्धार का कार्य शीघ्र पूर्ण हो, ऐसी मंगल कामनाओं को लेकर आलोट से अयोध्या धाम तक आठ भक्तों का एक जत्था साइकिल से रवाना हुआ था। 101 फीट की ध्वजा अयोध्या में प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित कर, सकुशल देर रात्रि ट्रेन से विक्रमगढ़ आलोट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का जत्था उतरा। आलोट नगर के श्याम दीवाने मित्र मंडल की ओर से शाल श्रीफल और फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। प्रमिलागंज में होली ग्रुप व नगर वासियों ने यात्रियों का पुष्प मालाओं से स्वागत किया। साइकिल यात्रा में अरविंद यादव, विजेन्द्र सिंह सोलंकी, यशराज चौहान, अर्जुन, घनश्याम सोलंकी, मनोहर मेवाड़ा, मदनलाल परिहार व शंकर कहार साइकिल यात्रा कर सकुशल आलोट नगर पहुंचे। रेलवे स्टेशन से उन्हें ढोल ढमाको के साथ लाया गया।