राजस्थान और सीमावर्ती क्षेत्र में बड़ी डिमांड
शराब की एक्साइज ड्यूटी में अंतर के चलते राजस्थान और पंजाब की शराब की रेट में अंतर है। पंजाब में निर्मित शराब राजस्थान से सस्ती है। इसलिए समान ब्रांड की शराब पंजाब में सस्ती होने पर उसे राजस्थान में खपाने के साथ शराब तस्कर इससे बड़ा मुनाफा कमाने के चक्कर में यह शराब पंजाब से राजस्थान में भेजते हैं। राजस्थान में सक्रिय शराब माफिया इसे गुजरात तक भेजते हैं।गुजरात में राजस्थान से भी ज्यादा मुनाफा
राजस्थान में शराब बैन नहीं है, जबकि गुजरात में इसके विपरीत हालात है। अक्सर राजस्थान निर्मित शराब की तस्करी भी सीमावर्ती क्षेत्र से रानीवाड़ा, बड़गांव, धानोल, सांचौर के सीमावर्ती क्षेत्रों से होते हुए गुजरात तक पहुंचाई जाती है और लगभग डेढ़ गुना तक मुनाफा आता है।पुलिस की दिक्कत-सरगना गुमनाम रहते हैं
शराब तस्करी के इस नेटवर्क में राजस्थान से ट्रक या ट्रेलर लेकर पंजाब, हरियाणा तक पहुंचने वाले ट्रक चालक को एक राशि काम के लिए दी जाती है। चालक निर्धारित समय पर तय क्षेत्र पर अपना वाहन छोड़ देता है। वहां पहले से मौजूद शख्स ट्रक और ट्रेलर को लेकर जाता है और उसमें शराब लोड कर देता है।अपडेट हुए तस्कर, बैच नंबर ही हटा दिए
पुलिस ने 11 जनवरी को सिराणा टोल नाके के पास कार्रवाई को अंजाम देते हुए 500 कार्टन पंजाब निर्मित अवैध शराब जब्त की, लेकिन इस शराब पर बैच नंबर मौजूद नहीं थे। ऐसे में पुलिस संबंधित फर्म या ठेकेदार तक नहीं पहुंच पाई।पूर्व के पांच मामलों में बैच नंबर तक सप्लाई प्वाइंट तक पहुंचे, लेकिन इस बार आरोपियों ने शराब की प्रत्येक बोतल से बैच नंबर ही हटा दिए। उसके बावजूद आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
- ज्ञानचंद्र यादव, एसपी, जालोर