हाईकोर्ट में विचाराधीन जमानत याचिका
सूत्रों ने अनुसार पूछताछ के दौरान अगर पुलिस को बिशप के बयानों में अधिक विरोधाभास नजर आता है तो उनकी तत्काल गिरफ्तारी भी हो सकती है। हालांकि पुलिस को अभी तक राज्य के पुलिस महानिदेशक की और आईजी की ओर से गिरफ्तारी की अनुमति नहीं मिल पाई है। इसका एक कारण यह भी है कि बिशप की जमानत याचिका फिलहाल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। आपको बता दें कि केरल हाईकोर्ट को बिशप फ्रैंको मुलक्कल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से एक हलफनामा दाखिल करने के लिए भी कहा है।
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2014 से 2016 तक दुष्कर्म करने का आरोप
दरअसल, जालंधर में रोमन कैथोलिक डायोसिस के बिशप ने मंगलवार को न्यायाधीश वी. राजा विजयराघवन के समक्ष याचिका दायर की थी। फ्रैंको ने अदालत से यह देखने के लिए कहा था कि उनकी गिरफ्तारी तब तक नहीं हो, जबतक कि अग्रिम जमानत याचिका पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता। उन्होंने कहा था कि शिकायत झूठी है और यह सब उन्हें प्रताड़ित करने के मकसद से किया जा रहा है। केरल की एक नन ने मुलक्कल पर 2014 से 2016 तक लगातार उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।