एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2019 में दिल्ली में अपराधों की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 3 फीसदी का रहा। यानि दिल्ली में राष्ट्रीय औसत से करीब 7 गुना ज्यादा आपराध के मामले सामने आए हैं। जिन अपराधों में राजधानी दिल्ली में बढ़ोतरी देखने को मिली है उनमें हत्या और रेप जैसी घटनाएं भी शामिल हैं। चोरी की घटनाओं में दिल्ली राष्ट्रीय औसत से काफी आगे है। अपराध के मामले में दिल्ली के बाद दूसरा स्थान महाराष्ट्र का है।
कठिन संघर्ष से देश के सर्वोच्च नागरिक बने Ramnath Kovind, ठुकरा दी थी आईएएस की नौकरी 82 फीसदी मामले चोरी के देश की राजधानी में दिल्ली पुलिस ने 2019 में कुल 2 लाख 90 हजार आपराधिक मामले दर्ज किए। आपराधिक मामलों में सबसे ज्यादा चोरी के 82 फीसदी शामिल हैं। चोरी की घटनाओं में पिछले एक साल में 25.7% का इजाफा हुआ। देशभर में देश में कुल 32 लाख अपराध पंजीकृत हुए हैं। उसमें चोरी की वारदात 20% से कुछ ज्यादा थी।
दिल्ली में 1 लाख आबाद पर 1233 अपराध पिछले साल दिल्ली में प्रति 1,00,000 आबादी पर 1,233.6 अपराध हुए। दूसरी ओर एक लाख आबादी पर चोरी की वारदातों का राष्ट्रीय औसत सिर्फ 50.5 है। दिल्ली वालों के लिए थोड़ी राहत की बात यह कि पिछले साल यहां वाहन चोरी की घटनाओं में कमी आई है। 2018 में राजधानी में वाहन चोरी के 46,433 मामले सामने आए थे। 2019 में सिर्फ 46,215 मामले ही सामने आए।
Somnath temple trust president : केशुभाई पटेल दोबारा चुने गए न्यास के अध्यक्ष, पीएम मोदी बैठक में हुए शामिल रेप ज्यादा, छेड़छाड़ कम एनसीआरबी के अनुसार 2018 के मुकाबले 2019 में दिल्ली में रेप और हत्या की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली पुलिस के पास औसतन हर हफ्ते ऐसे 24 मामले सामने आते हैं। 2019 में रेप के मामलों में दिल्ली में एक साल पहले के मुकाबले 3 फीसदी की अधिकता रही है। 2019 में 2018 में 1215 मामलों की तुलना में रेप के 1,253 मामले दर्ज किए गए। यानि रेप की घटनाओं में 3% का इजाफा हुआ। वहीं 2018 में छेड़खानी के 2,705 के खिलाफ 2019 में 2,355 मामले दर्ज हुए। यानि 2019 में दिल्ली में छेड़खानी की घटनाएं कम हुईं। दिल्ली में रेप ही नहीं हत्या के मामलों में भी थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिल्ली में हत्या की घटनाओं में 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी सामने आई है। हत्या के मामले 2018 के 513 से बढ़कर 521 हो गई।
जघन्य अपराध में 20 फीसदी की आई कमी इसके अलावा जघन्य अपराध, लूट और डकैती के मामलों में भी कमी आई है। राष्ट्रीय औसत के हिसाब से दिल्ली का औसत अभी भी काफी ज्यादा है। ऐसे मामले में 20 फीसदी की कमी आई है।