गुजरात एटीएस के उप महानिरीक्षक सुनील जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि पकड़े गए आरोपियों में खंभात निवासी रणजीत डाभी, विजय मकवाणा, हेमंत पटेल, लालजी मकवाणा, जयदीप मकवाणा और मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी अजय जैन शामिल हैं। इसमें मुख्य आरोपी अजय और रणजीत हैं। फैक्ट्री मालिक की लिप्तता अब तक सामने नही आई है। इन लोगों ने करीब 10-12 दिन से किराए पर कुछ हिस्सा लेकर काम शुरू किया था।
42 करोड़ गोलियां बनें इतना तैयार माल जब्त
जोशी ने बताया कि सूचना मिली थी कि खंभात के नेजा गांव में स्थित ग्रीन लाइफ इंडस्ट्रीज में अल्प्राजोलम टेबलेट को अवैध रूप से बनाया जा रहा है। इसकी पुष्टि करने के बाद गुरुवार को इस फैक्ट्री पर दबिश दी गई। मौके से 107 करोड़ रुपए कीमत का 107 किलो अल्प्राजोलम का तैयार माल व 2518 किलो अन्य केमिकल जब्त किया गया। इस ड्रग्स को बनाने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है, लेकिन इनके पास कोई लाइसेंस नहीं था। अल्प्राजोलम गोली 0.25 ग्राम की होती है। इस लिहाज से जब्त 107 किलो तैयार माल में 42.8 करोड़ गोली बन सकती हैं। इस संबंध में एटीएस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है।
म.प्र.के जैन ने रणजीत को दिया था ऑर्डर
प्राथमिक जांच में सामने आया कि इंदौर निवासी अजय जैन ने व्यापारी रणजीत डाभी का संपर्क किया। उसे अल्प्राजोलम बनाने का ऑर्डर दिया था। इसके लिए 30 लाख रुपए भी दिए थे, दबिश के दौरान यह 30 लाख रुपए भी जब्त किए गए हैं। रणजीत सत्यम ट्रेडर्स नाम की कंपनी चलाता है। प्रथम दृष्टया इन गोलियों को जैन मध्यप्रदेश ले जाने वाला था।
विजय, हेमंत केमिकल के जानकार
प्राथमिक जांच में सामने आया कि पकड़े गए छह आरोपियों में विजय मकवाणा और हेमंत पटेल केमिकल के जानकार हैं। इनके पास केमिकल की डिग्री है। दोनों ने खंभात की कुछ फार्मा कंपनियों में पहले काम भी किया है। लालजी मकवाणा और जयदीप भी वहीं काम करते थे।
पहले ही पकड़ा जा चुका है जैन, सजा भी हुई
जोशी ने बताया कि इंदौर निवासी अजय जैन को मध्यप्रदेश की सीबीएन ने व एनसीबी ने पकड़ा है। इसे सीबीएन के मामले में 16 साल की कैद की सजा भी हुई है।