जन्म से ही मूत्र रोग की गंभीर समस्या ब्लैैडर एक्सट्रोफी से पीडि़त बच्चों का निशुल्क उपचार किया जाता है। वर्ष 2009 से हर वर्ष सिविल अस्पताल में यह कार्यशाला होती है। इस वर्ष कार्यशाला में नेपाल, बांग्लादेश के साथ-साथ भारत के 12 राज्यों से मूत्राशय में खामी वाले 171 मरीजों की जांच की गई। इस समस्या की इतनी जटिल सर्जरी होती है कि एक सर्जरी करने में सात से आठ घंटे का समय लगता है। इस कार्यशाला में गंभीर समस्या से जूझ रहे 18 बच्चों की सफल सर्जरी की गई।
एक नेपाल का और तीन बांग्लादेश के मरीज लाभान्वित
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि सिविल अस्पताल में जिन 18 मरीजों की जटिल सर्जरी हुई है उनमें चार मरीज विदेश के हैं। इसमें नेपाल का एक और बांग्लादेश के तीन मरीज शामिल हैं। इन ऑपरेशनों को लाइव भी बताया गया ताकि मेडिकल के विद्यार्थी और अन्य चिकित्सकों को इस संबंध में उचित जानकारी मिल सके।
हर वर्ष होता है आयोजन
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में हर वर्ष फरवरी-मार्च माह में ब्लैडर एक्स्ट्रोफी संबंधी समस्या वाले बच्चों के उपचार के लिए कार्यशाला होती है। विदेशी चिकित्सकों के अलावा इसमें सिविल अस्पताल की बाल सर्जरी विभाग की टीम की भी मुख्य भूमिका निभाती है। लाखों रुपए के खर्च से होने वाले ऑपरेशन यहां निशुल्क या मामूली खर्च से हो रहे हैं।