मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला: बिहार पुलिस पर SC सख्त, पूछा- एक महीने बाद भी कैसे फरार चल रही हैं मंजू वर्मा 24 घंटे के अंदर FIR में नई धारा जोड़ने का आदेश शीर्ष अदालत ने शेल्टर होम मामले में सही तरीके से FIR दर्ज नहीं होने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए बिहार सरकार के रवैये को अमानवीय और शर्मनाक करार दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि बच्चों के साथ इतना बड़ा हादसा हुआ और सरकार कुछ कर नहीं रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में मौजूद मुख्य सचिव से पूछा कि अगर अपराध हुआ था तो आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धार 377 और पोक्सो एक्ट के तहत अभी तक मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने पूछा कि क्या बच्चे देश के नागरिक नहीं हैं। अदालत ने कहा कि FIR में यौन शोषण और वित्तीय गड़बड़ी का जिक्र ही नहीं किया गया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार 24 घंटे के भीतर FIR में नई धाराएं जोड़ें। इस मामले में अब बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होगी।
क्या है मामला?
बिहार के मुजफ्फपुर बालिका गृह में कई लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार के मामले से हड़कंप मच गया था। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था। इस कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का करीबी माना जाता है। मंजू वर्मा को बिहार की नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा और बाद में उन्होंने अदालत में सरेंडर भी किया। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर को इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान भी बिहार पुलिस को लताड़ लगाई थी।