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दरअसल, हरियाणा के गुरुग्राम जिले के मानेसर में जमीन घोटाले के मामले में, सीबीआई ने इस वर्ष फरवरी में हुड्डा, वरिष्ठ नौकरशाहों व अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। चार्जशीट में वरिष्ठ नौकरशाह छत्तर सिंह, एस.एस. ढिल्लों, एम.एल. तयाल और गुरुग्राम की रियल स्टेट कंपनी एबीड्ब्ल्यू बिल्डर्स के प्रमोटर अतुल बासन को शामिल किया गया था। तीनों अधिकारी हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रभावशाली प्रमुख सचिव थे। सीबीआई ने सितंबर 2015 में इस संबंध में मामला दर्ज किया था। आरोप था कि निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर गुरुग्राम जिले के मानेसर, नौरंगपुर, लाखनौला गांवों में किसानों और जमीन के मालिकों से 400 एकड़ जमीन बहुत कम दाम में खरीद लिए।
उस समय बेची गई जमीन की कीमत 1600 करोड़ रुपये थी, लेकिन बिल्डरों ने इसे केवल 100 करोड़ रुपये में खरीदे थे। इन जमीनों को अगस्त 2004 से अगस्त 2007 के बीच खरीदा गया था। मुख्यमंत्री हुड्डा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार मार्च 2005 से अक्टूबर 2014 तक हरियाणा में सत्ता में थी। सीबीआई का आरोप है कि एबीडब्ल्यू बिल्डर्स ने कांग्रेस के कार्यकाल में जमीन खरीदने के लिए अधिकारियों के साथ षड्यंत्र रचा।