विशेष पॉक्सो अदालत ने शुक्रवार को दोषी को सजा सुनाते हुए कहा कि यह अपराध जघन्य और घिनौना है, इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। पीड़ित लड़की दोषी को ‘मामा’ मानती थी। 54 वर्षीय आरोपी ने मामा जैसे रिश्ते की भी लाज नहीं रखी।
‘मामा’ को रेप, आपराधिक धमकी और पॉस्को एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है। पीड़िता ने 2018 में आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, वह अपने पिता और दो भाइयों के साथ ठाणे जिले के मनपाड़ा इलाके में रहती थी। उस समय पीड़िता की उम्र 16 वर्ष थी।
महाराष्ट्र के अहमदनगर का रहना वाला पेशे से रसोइया उसका ‘मामा’ अगस्त 2017 में पीड़िता के घर रहने के लिए आया। शुरू में तो सब ठीक था, लेकिन सितंबर से वह किसी न किसी बहाने से पीड़िता को गलत तरीक से छूने लगा। एक रात जब लड़की का पिता नशे में था और सो रहा था तो आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। जब पीड़िता ने शोर मचाया तो आरोपी ने उसका मुंह दबाकर उसे जान से मारने की धमकी दी। इस डर से पीड़िता ने किसी को कुछ नहीं बताया। जब भी कोई घर पर नहीं होता, तो मामा उसके साथ घिनौनी हरकत करता था।
एक दिन पीड़िता ने आरोपी से कहा कि वह अपने पिता को सब कुछ बता देगी, जिसके बाद आरोपी उसके घर से चला गया। बाद में पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 16 जून 2018 को केस दर्ज किया।
अदालत ने दोषी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और उस पर 22 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना पीड़िता को दिया जाएगा। साथ ही पीड़िता को मुआवजा देने के लिए अदालत के फैसले को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के पास भेजने का निर्देश दिया है।