भष्ट्राचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर सिर्फ डॉ. नरेश त्रेहान पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। बल्कि इसमें डॉ. त्रेहान के 52 सहयोगी भी शामिल हैं। इनमें सुनील सचदेवा, अतुल पुंज, अनंत जैन, ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड और पुंज लॉयड प्रमुख रूप से शामिल हैं।
डॉ. नरेश त्रेहान के खिलाफ PC Act और IPC की धारा 120B, 406, 463, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है। तीन दिन पहले रमन शर्मा ने एक जनहित याचिका अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की कोर्ट में दर्ज की थी। इस शिकायत के बाद कोर्ट ने शनिवार को 24 घंटे के अंदर गुरुग्राम पुलिस को एफआईआर यानी प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था।
आईटीआई कार्यकर्ता रमेश शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मेदांता अस्पताल में एक मेडिकल कॉलेज, अनुसंधान केंद्र, नर्सिंग स्टाफ क्वार्टर, मरीजों व उनके तीमारदारों (परिवार के लोग) के लिए गेस्ट हाउस और कई अन्य सुविधाएं विकसित करने की परियोजना थी, लेकिन इसके प्रमोटर ने केवल अस्पताल को ही विकसित किया।