प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) ने इन छापों के दौरान 3.57 करोड़ रुपए नकदी और कई दस्तावेज व डिजिटल रिकॉर्ड ( Digital Record ) भी जब्त किए हैं। ईडी ने फेमा, 1999 के तहत शुरू हुई जांच में यह पाया है कि टूर एंड ट्रैवल ये कंपनियां पेमेंट गेटवे बनाकर विदेशियों को ई-वीजा देने के नाम पर विदेशी प्रेषण की रसीद प्राप्त करते हैं।
Rajasthan Political Drama : संकट में कांग्रेस सरकार, बागी विधायकों ने बढ़ाई अशोक गहलोत की धड़कन जांच एजेंसी ने इस बारे में बताया है कि उसने विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून ( Foreign exchange management law ) के तहत 9 जुलाई को दिल्ली और गाजियाबाद में 8 से अधिक स्थानों पर छापेमारी ( Raids ) की। ईडी ने बयान में कहा कि छापेमारी की कार्रवाई कई टूर एंड ट्रैवल्स कंपनियों के निदेशकों के आवास और कार्यालयों तथा उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के खिलाफ की गई। छापेमारी के दौरान ईडी ने 3.57 करोड़ रुपए नकद और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज ( Offensive Documents ) और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि इस बात की सूचना मिली थी कि ये इकाइयां विदेशियों को ई-वीजा सेवाएं ( E-Visa Services ) प्रदान करने के नाम पर पेमेंट गेटवे के जरिए विदेश से अनधिकृत तरीके से धन प्राप्त कर रही हैं। एजेंसी ने कहा कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि ऐसी दो इकाइयों को विदेशियों के भारतीय ई-वीजा के प्रसंस्करण के लिए विदेश से 200 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। हालांकि, इन इकाइयों को सरकार की ओर से इस काम के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।
Amitabh Bachchan और अभिषेक पाए गए कोरोना पॉजिटिव, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- देशवासियों की दुआएं आपके साथ इसके अलावा ये इकाइयां ऊंचे मूल्य के संदिग्ध लेनदेन में भी शामिल हैं। यह जानकारी भी सामने आया है कि कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट ( Chartered accountant ) ने इन इकाइयों के कामकाज के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संदिग्ध लेन-देन में भी इनकी भूमिका है।
फिलहाल इन मामले की जांच चल रही है। इन कंपनियों के निदेशकों और कार्यकारियों से पूछताछ की जाएगी।