scriptDelhi: इंजीनियरिंग के छात्र शातिर तरीके से भारत में मंगवाते थे ड्रग्स, पेमेंट का तरीका भी हाईटेक, ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे | Delhi Police Arrest three who were Ordered from Dark Web and Used to order Drugs by paying with Bitcoin | Patrika News
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Delhi: इंजीनियरिंग के छात्र शातिर तरीके से भारत में मंगवाते थे ड्रग्स, पेमेंट का तरीका भी हाईटेक, ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे

Delhi दिल्ली पुलिस ने तीन शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो डार्क वेब (Dark Wave) का इस्तेमाल कर कनाडा से ड्रग्स दिल्ली मंगाते थे। आरोपी ड्रग्स (Drugs) का पेमेंट बिटकॉइन (Bitcoin) के जरिए चुकाया करते थे

Nov 11, 2021 / 11:38 am

धीरज शर्मा

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) के हत्थे ऐसे तीन शातिर तस्कर चढ़े हैं जो डार्क वेब के जरिए विदेश से ड्रग्स ( Drugs ) मंगाते थे। यही नहीं इस ड्रग्स की पैकिंग इस तरह की जाती थी कि स्कैन के दौरान भी ये पकड़ में नहीं आती थी।
इन शातिर तस्करों ने पेमेंट के लिए भी बिटकॉइन ( Bitcoin ) का जरिया चुना था। हालांकि अब ये तीनों बदमाशन पुलिस की गिरफ्त में और पुलिस ने इनसे पूछताछ करने में जुटी है। पुलिस के शंका है कि इन लोगों के तार ड्रग तस्करी के गिरोह से जुड़े हैं।
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दिल्ली पुलिस ने तीन शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो डार्क वेब (Dark Wave) का इस्तेमाल कर कनाडा से ड्रग्स दिल्ली मंगाते थे। आरोपी ड्रग्स (Drugs) का पेमेंट बिटकॉइन (Bitcoin) के जरिए चुकाया करते थे।
इंजीनियरिंग का स्टूडेंट है गैंग का सरगना
इस गैंग का सरगना इंजीनियरिंग की डिग्री ले रहा है और फाइनल ईयर का छात्र है। इसकी पहचान प्रियांश के रूप में हुई है।

दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) के मुताबिक, जो भी ड्रग्स विदेश से भारत आती थी, उसे इस तरह से पैक किया जाता थी कि वो स्कैनर में जांच के दौरान पकड़ में नहीं आती थी।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ( Delhi Police Crime Branch ) ने प्रियांश के साथ करण और संजीव मिढ्ढा को भी गिरफ्तार किया है। इन तीनों ही तस्करों की उम्र 25 से कम है।
प्रियांश प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री ले रहा था और फाइनल ईयर का स्टूडेंट है, जबकि उसके साथी संजीव के खिलाफ पहले से ही कुछ आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।

दरअसल क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि कुछ लोग डार्क नेट का इस्तेमाल करके कनाडा से ड्रग्स मंगवा रहे हैं और उसे बेच रहे हैं। पुलिस ने इसे पुख्ता करने के लिए साइबर एक्सपर्ट्स की सहायता ली और आरोपियों को रडार पर ले लिया।
डार्क वेब पर बदमाश पहनते हैं 50-60 मास्क
क्राइम ब्रांच के अधिकारी आलोक कुमार के मुताबिक डार्कवेब पर अपराधियों को ट्रैक करना काफी मुश्किल है। जो भी अपराधी यहां काम करता है वो एक फेस पर 50 से 60 मास्क लगा लेता है।
इसके बाद वो चैट करता है, ऐसे में पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है और इस तरीके की आपराधिक गतिविधियों में लिप्त बदमाश लेनदेन के लिए बिटकॉइन को जरिया बनाते हैं, इससे भी इस्तेमाल करने लगे हैं, जिसकी वजह से पुलिस को इनको ट्रैक करना और मुश्किल हो गया है।
पुलिस ने ऐसे तस्करों को दबोचा
जैसे ही दिल्ली पुलिस को इस बात की सूचना मिली कि ऐप के जरिए कुछ तस्कर कनाडा से ड्रग मंगा रहे हैं, पुलिस ने नजर रखना शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस को पता चला कि कनाडा से डार्क नेट के जरिए दो किलो गांजा जिसकी कीमत करीब 40 लाख रुपए है मंगाया गया।
जैसे ही ये गांजा भारत आया पुलिस ने दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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पिक क्लाइंट का पता लगा रही पुलिस
इन तस्करों का काम था कि विदेशों से मंगाई ड्रग्स को महंगे दामों में भारत में बेचना। इसके लिए इनके पास कुछ पिक क्लाइंट्स भी थे, जो विदेशों से ड्रग्स आने के बाद उसे आगे बढ़ाने का काम करते थे। पुलिस गिरफ्तार तीनों तस्करों से इन पिक क्लाइंट्स की जानकारी जुटा रही है।

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